MARRIAGE

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    लखनऊ: बेटी का विवाह किसी भी अभिभावक के जीवन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। अगर बेटी गरीब की है तब तो उसके लिए यह जिम्मेदारी पहाड़ का बोझ उठाने जैसा होता है। ऐसे अधिकांश मामलों में बेटी के पिता (Father) का कर्जदार होना आम बात है। कभी-कभी तो घर का गहना, गुरिया और जमीन बेचने या बंधक करने की नौबत आ जाती है। पर अब ऐसा नहीं है। मुख्यमंत्री (Chief Minister) बनने के बाद से ही सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने ऐसी बेटियों की शादी (Marriage) का जिम्मा अपनी सरकार पर डाल दिया है। सीएम योगी के कार्यकाल में दो लाख से अधिक कन्याओं का विवाह मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत संपन्न हो चुका है।

    आयोजन भव्य हो इसके लिए इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मेजबान की भूमिका में नव दम्पत्तियों को आशीर्वाद देने के लिए मौजूद रहते हैं। इनके सहयोग से अधिकांश जगहों पर  सहभोज का भी आयोजन होता है। यह सिलसिला जारी है। हाल ही में इस योजना के तहत गोरखपुर में 400 बेटियों के हाथ पीले कराए गए। योगी सरकार 2.0 के 100 दिन के कार्यकाल में 14,085 जोड़ों के सामूहिक विवाह कराया जा चुका हैं। 

    मौजूदा बजट में भी 600 करोड़ रुपए का प्रावधान

    उल्लेखनीय है कि 2017 में पहली बार सरकार बनाने के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत कराई थी। इस योजना का उद्देश्‍य शादियों में अनावश्‍यक प्रदर्शन और फिजूलखर्ची को खत्‍म करने के साथ ही गरीब परिवारों की बेटियों के ऐसे विवाह की व्‍यवस्‍था करना है जिसमें जिले के वीआईपी जुटे हों। इस क्रम में अब तक 1,085 जोड़ों का विवाह और 2.82 लाख जोड़ों का विवाह का अनुदान दिया जा चुका है। यह सिलसिला जारी रहे इसके लिए बजट में 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 

    बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे में मददगार बनी  योजना

    यह योजना बाल विवाह रोकने में मददगार हो रही है। बेटी की शादी के बोझ से निश्चिंत होने के बाद आम तौर पर उसके अभिभावक उसकी पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहे हैं। इस तरह इससे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का भी नारा साकार हो रहा है।

    बेटियों के खाते में जाते हैं 35 हजार

    मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रति लाभार्थी 51 हजार रुपए खर्च किए जाते हैं, जिसमें 35 हजार लाभार्थी कन्या के खाते में, 10 हजार का सामान और 6 हजार रुपए प्रति लाभार्थी आयोजन पर खर्च होता है। सामान में वर और वधु के वस्त्र, साफा, चुनरी, चांदी की पायल-बिछिया, टिन का बक्सा, बर्तन, प्रेशर कुकर जैसी रोजमर्रा की गृहस्थी के सामान भी दिए जाते हैं।