लखनऊ: कानपुर में हुई हिंसा के चार आरोपियों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पूर्वी कानपुर के डीसीपी प्रमोद कुमार सिंह ने कहा, इस मामले के चारों आरोपियों को आज अदालत के सामने पेश किया गया। जहां अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आगे की प्रक्रिया चल रही है।
वहीं, आरोपियों को 14 दिन के रिमांड पर भेजे जाने के बाद पुलिस उन्हें कानपुर जिला जेल ले गई। चार आरोपियों में हयात जाफर हाशमी, जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मोहम्मद सुफियान मौलाना अली जौहर शामिल है, जो की फैन्स एसोसिएशन से जुड़े हैं। पुलिस ने कहा कि, मामले के मुख्य आरोपी और हिंसा के मास्टरमाइंड हाशमी और अन्य को भी शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
Uttar Pradesh | Kanpur clash: The accused were taken to District Jail in Kanpur by the police after they were sent on a 14-day remand pic.twitter.com/G4JmHvwCFE
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 5, 2022
सभी पहलुओं से घटना की हो रही जांच
पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीना ने कहा कि,साजिश में शामिल चार लोगों की पहचान की गई, उनका पता लगाया गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि, पीएफआई (पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) जैसे संगठनों की भूमिका पर भी गौर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम सभी पहलुओं से घटना की जांच कर रहे हैं और पीएफआई और अन्य जैसे समूहों की संलिप्तता पर भी नजर रख रहे हैं। जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।’ अधिकारी ने कहा कि आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया जाएगा। मीना ने कहा, ‘हम घटना को रोकने में पुलिस की ओर से संभावित चूक की भी जांच कर रहे हैं।’
500 लोगों के खिलाफ FIR, 24 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कानुपर हिंसा मामले में 500 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। इस हिंसा में 40 लोग घायल हो गए थे। हिंसा से प्रभावित इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और फिलहाल शांति का माहौल है। कानपुर के सीपी ने बताया कि, घटनाओं के सिलसिले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
यह है मामला
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिपण्णी को लेकर तीन जून को मुस्लिम संघठन ने कानपूर में बंद का आव्हान किया था। जिसके मद्देनजर सभी दुकानों को बंद करने के लिए कहा गया था। लेकिन जैसे ही शुक्रवार को कुम्मे की नमाज ख़तम हुई। बड़े संख्या में लोग सड़कों पर जमा हुए और हिंदू दुकानदारों से जबरदस्ती दुकाने बंद करने की कोशिश की, जब दुकानदारों ने इस बात से इंकार किया तब उपद्रवियों ने हमला किया। इस दौरान पथरबाजी भी हुई। जिसके बाद यह हिंसा बढ़ गई थी। बवाल शुरू होने के बाद स्थितियां तेजी से बेकाबू हुईं। उपद्रवियों ने इस दौरान पुलिस पर भी पत्थर बरसाए साथ ही गोलियां भी चलाई। उल्लेखनीय है कि, यह हिंसा तब भड़की जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपूर दौरे पर थे।