Chicken and Eggs

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले पांच सालों में महाराष्ट्र (Maharashtra), आंध्र प्रदेश और पंजाब (Punjab) की जगह स्थानीय अंडे (Eggs) के उत्पादन से मांग पूरी होगी। प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर मुर्गी पालन उद्योग को बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके तहत पांच सालों में अंडों का उत्पादन बढ़ाकर 1.92 करोड़ रोजाना किया जाएगा। योगी मंत्रिपरिषद ने प्रदेश की नई कुक्कुट विकास नीति (New Poultry Policy) को मंजूरी दी है जिसके तहत पांच सालों में 1,500 करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।

    फिलहाल प्रदेश में अंडों की खपत और आपूर्ति में खासा अंतर है जिसे खत्म किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में अंडों की मांग पंजाब, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र से निर्यात कर पूरी की जाती है। प्रदेश में मुर्गीपालन के क्षेत्र में निवेश से 1.25 लाख रोजगार भी पैदा होंगे। पांच सालों में प्रदेश में मुर्गीपालन के लिए 700 नई ईकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया हैं। उत्तर प्रदेश की नई कुक्कुट नीति के मुताबिक, स्थापित होनी वाली इकाई को अगले 10 सालों तक के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में सौ फीसदी की छूट दी जाएगी। इस छूट की प्रतिपूर्ति प्रदेश का पशुपालन विभाग करेगा। इतना ही नहीं नीति के तहत स्थापित होने वाली इकाइयों को जमीन की खरीद पर कोई स्टांप शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। 

    ब्याज की प्रतिपूर्ति भी प्रदेश सरकार करेगी

    नई ईकाई की स्थापना के लिए बैंक से मिलने वाले कर्ज पर ब्याज की प्रतिपूर्ति भी प्रदेश सरकार करेगी। नीति के तहत बैंक कर्ज पर सात फीसदी ब्याज दर के हिसाब से अगले पांच सालों तक प्रतिपूर्ति की जाएगी। नीति के तहत मुर्गी पालन की परियोजनाओं में 30 फीसदी मार्जिन मनी और 70 फीसदी कर्ज का अनुपात रखा गया है। कर्ज की राशि कम होने पर वास्तविक कर्ज पर सात फीसदी या बैंक की ओर से निर्धारित दर में जो भी कम होगा उसकी प्रतिपूर्ति की जाएगी। इस प्रक्रिया में प्रदेश सरकार पर ब्याज की प्रतिपूर्ति में 259 करोड़ रुपए का व्यय भार आएगा।

    कई सहूलियतें देने का ऐलान 

    नीति में ब्रायलर फार्म्स की स्थापना के लिए भी कई सहूलियतें देने का ऐलान किया गया है। प्रदेश में 1.72 करोड़ ब्रायलर चूजों के प्रति वर्ष उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए ब्रायलर पेरेंट फार्म स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए खास पोर्टल, डाटाबेस मैनेजमेंट और प्रोजेक्ट फैसिलेटेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। मुर्गी पालन शुरु करने वाले लोगों को राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था प्रदेश सरकार करेगी।