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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: कोरोना संकट (Corona Crisis) के दौर में भी अर्थव्यवस्था (Economy) को संभालने में सफल रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Govt.) अपनी दूसरी पारी में पहले 100 दिनों में नौजवानों को स्वरोजगार (Self-Employment) के लिए 21000 करोड़ रुपए तो पूरे पांच साल में दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज बांटेंगी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को बताया कि कोरोना महामारी जैसी विकट परिस्थिति के बाद भी प्रदेश सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में बड़ा उछाल आया है। बीते पांच वर्षों के दौरान प्रदेश के जीएसडीपी में 40 फीसदी की वृद्धि हुई है। 

    उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद उत्तर प्रदेश ने काफी बेहतर वित्तीय प्रबंधन किया है। वर्ष 2016-17 में जब प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी तब राज्य का जीएसडीपी 12 लाख 47 हजार करोड़ रुपए था। वर्तमान में यह 17 लाख 49 हजार 469 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया है। खन्ना ने बताया कि इसके साथ ही प्रदेश का ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशियो) भी लगभग छह फीसदी बढ़ा है। पांच साल पहले जब बीजेपी सरकार सत्ता में आई थी तब यह अनुपात 46 फीसदी था। अब इसमें छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

     स्वरोजगार के लिए कर्ज देगी योगी सरकार

    वित्त मंत्री के मुताबिक, प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को स्व रोजगार से जोड़ने के लिए योगी सरकार ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। इसके तहत अगले 100 दिनों के भीतर युवाओं को विभिन्न परियोजनाओं के लिए 21,000 करोड़ रुपए का कर्ज दिया जाएगा। प्रदेश सरकार युवाओं को विशेष अभियान चलाकर स्वरोजगार के लिए कर्ज देगी। इसी तरह आने वाले छह महीनों में युवाओं को 51,000 करोड़ रुपए का कर्ज स्वरोजगार शुरु करने के लिए दिया जाएगा। योगी सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में कुल दो लाख करोड़ रुपए स्व रोजगार के लिए कर्ज के मद में देने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिए दे जाने वाले कर्ज की अधिकतम सीमा को 25 लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया है। 

    प्रदेश में 90,000 से अधिक बैंकिंग आउटलेट्स खुले 

    वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दी है कि प्रदेश में बीते पांच सालों के दौरान 90,000 से अधिक बैंकिंग आउटलेट्स खुले हैं। बैंकिंग आउटलेट्स में बैंक मित्र और बैंक सखी भी शामिल हैं। लगभग 1,14,882 बैंक मित्र और बैंक सखी शामिल हैं जो दूर दराज के इलाकों तक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 19, 056 बैंक शाखाएं और  1.33 लाख बैंकिंग आउटलेट्स हैं। 

    यूपी में डिजिटल लेन-देन भी काफी बेहतर हुआ

    वित्त मंत्री के मुताबिक, प्रदेश में बैंकिंग की सुविधा बढ़ाने के लिए सरकार ने आने वाले दिनों में 700 बैंक शाखाएं और 700 एटीएम स्थापित किए जाएंगे। खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में डिजिटल लेन-देन भी काफी बेहतर हुआ है। वित्त वर्ष 2021-22 में दिसंबर तक 268 करोड़ रुपए का डिजिटल लेन-देन किया गया, जो वर्ष 2017-18 में 122.84 करोड़ रुपए था। वित्त मंत्री के मुताबिक, प्रधानमंत्री जन-धन बैंक खातों के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। प्रदेश में वित्त वर्ष 2021-22 तक इस योजना के 7.90 करोड़ लाभार्थी थे, जबकि पांच वर्ष पहले इनकी संख्या 4.47 करोड़ थी। प्रदेश में इस समय विभिन्न बैंकों के जनधन खातों में 33493 करोड़ रुपए की राशि जमा है।