प्रतिकात्मक फोटो
प्रतिकात्मक फोटो

    Loading

    लखनऊ: शहरों के तर्ज पर गांवों को भी सतत विकास लक्ष्य के आधार पर विकसित किया जा रहा है। जल्द ही सभी ग्राम सचिवालय क्रियाशील और ग्राम सचिवालय से ही लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, खसरा, खतौनी, परिवार रजिस्टर की नकल आदि सुविधाएं अपने ग्राम पंचायत (Gram Panchayats) में ही मिलेंगी। साथ ही लोगों के समस्याओं के समाधान के लिए राज्य स्तर पर कॉल सेंटर (Call Center) की स्थापना की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की पंचायतों में ग्राम सचिवालय की मुहिम को पंचायती राज विभाग अमलीजामा पहना रहा है। 

    त्रिस्तरीय पंचायतों में डिजिटल प्रणाली लागू करने वाला देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश है। प्रदेश में ग्राम सचिवालय की अवधारणा को न सिर्फ धरातल पर अमल में लाया जा रहा है, बल्कि 54,876 पंचायत भवनों के निर्माण से लेकर 56,366 पंचायत सहायकों की नियुक्ति भी की गई है। शहरों की तरह ग्राम पंचायतें भी स्ट्रीट लाईटों से जगमग होंगी और हर जिले में 25 इंजीनियर्स या आर्किटेक्ट का इनपैनलमेंट किया जाएगा। पंचायत के निर्वाचित पदाधिकारियों की मृत्यु की स्थिति में उनके आश्रित परिवारों को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है।

    प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन के लिए विकास खंडों में किया जा रहा स्थल का चयन

    गांवों में मूलभूत सुविधाओं के साथ रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत बीसी सखी, स्वयं सहायता समूह और अन्य योजनाओं के माध्यम से स्थानीय स्तर पर ही रोजगार दिलाने पर जोर दिया जा रहा है। बेकार प्लास्टिक से सड़क निर्माण और रिसाइकिलिंग के लिए उपयोग किया जा रहा है। प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन के लिए विकास खंडों में स्थल का चयन किया जा रहा है।

    बायो फर्टिलाइजर से होगा कुकिंग गैस का उत्पादन और बनेगी बिजली

    आने वाले समय में हर क्षेत्र और जिला पंचायत की योजना में गौशालाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा और बायो फर्टिलाइजर का उत्पादन, कुकिंग गैस वितरण, गौशालाओं में विद्युत आपूर्ति का मॉडल स्थापित करने की भी तैयारी है। साथ ही हर ग्राम पंचायत में अपशिष्ट जल से मुक्त तालाब सुनिश्चित करें।