वाराणसी: हिंदी और भोजपुरी के प्रख्यात कवि (Poet), गीतकार (lyricist) और साहित्यकार (litterateur) पंडित हरिराम द्विवेदी (Pandit Hariram Dwivedi) ‘हरि भैया’ का लंबी बीमारी के बाद यहां निधन हो गया। मंगलवार को द्विवेदी के परिजनों ने यह जानकारी दी। परिजनों के अनुसार हरिराम द्विवेदी (87) काफी समय से बीमार थे। उन्होंने सोमवार की दोपहर वाराणसी (Varanasi) के महमूरगंज (Mahmoorganj) के मोतीझील स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार आज मणिकर्णिका घाट पर होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है।
हिंदी साहित्य के मूर्धन्य रचनाकार और काशी के निवासी पंडित हरिराम द्विवेदी जी के निधन से दुखी हूं। अंगनइया और जीवनदायिनी गंगा जैसे कविता संग्रहों और अपनी विभिन्न रचनाओं के साथ, वे हमेशा हमारे जीवन में उपस्थित रहेंगे।
उन्हें श्रीचरणों में स्थान मिले, ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना…— Narendra Modi (@narendramodi) January 9, 2024
हरिराम त्रिवेदी को साहित्य अकादमी भाषा सम्मान, साहित्य भूषण, साहित्य सारस्वत, राहुल सांकृत्यायन जैसे कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। उनके परिजनों ने बताया कि पंडित हरिराम द्विवेदी पिछले कई महीनों से अस्वस्थ थे। परिजनों ने बताया कि उनके बड़े पुत्र राजेश कुमार द्विवेदी ओडिशा गए हैं, जिनके आने पर द्विवेदी का अंतिम संस्कार मंगलवार को मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा।
द्विवेदी के निधन पर दुःख प्रकट करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने संदेश में कहा, ‘‘हिंदी साहित्य के मूर्धन्य रचनाकार और काशी के निवासी पंडित हरिराम द्विवेदी जी के निधन से दुखी हूं। अंगनइया और जीवनदायिनी गंगा जैसे कविता संग्रहों और अपनी विभिन्न रचनाओं के साथ, वे हमेशा हमारे जीवन में उपस्थित रहेंगे। उन्हें श्रीचरणों में स्थान मिले, ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है।”
(एजेंसी)