मेरठ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति 9 वर्ष के अंदर लंबी छलांग लगाकर दुनिया में छाने की स्थिति में है तो इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को है। जिन्होंने पहली बार परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों आयुर्वेद, योग, होम्योपैथ, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा को लेकर आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush) का गठन किया। दुनिया 2016 से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मना रही है। दुनिया, देश, प्रांत, जनपद, शहर, गांव, कस्बा सभी योग से जुड़ते हैं। भारत की इस परंपरा के साथ दुनिया को जोड़ने और आयुर्वेद को दुनिया में स्थापित करने में पीएम के जो प्रयास प्रारंभ हुए। उनके परिणाम हमारे सामने हैं।
मुख्यमंत्री शनिवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन और प्रादेशिक आयुर्वेद सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओडीओपी प्रदर्शनी का उद्घाटन और अवलोकन भी किया।
आयुर्वेद के विशेषज्ञों ने सम-विषम परिस्थितियों में बहुत कुछ कर दिखाया
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह आयुर्वेद सम्मेलन यहां आए चिकित्सकों को नई उड़ान के लिए तैयार कर रहा है। जहां यह सम्मेलन हो रहा है, वहां आयुर्वेद के कई विशेषज्ञों ने सम- विषम परिस्थितियों में बहुत कुछ कर दिखाया। खास तौर पर वैद्य रामसहाय कौशिक, वैद्य हरिदंत, कृष्ण लाल वाजपेयी, वैद्य मुरारी लाल शर्मा, पशुपति नाथ और विष्णु दत्त शर्मा ने पूरे क्षेत्र में आयुर्वेद के माध्यम से आयुष की जिस पद्धति को बढ़ाने का कार्य किया, वह अत्यंत अभिनंदनीय है। राष्ट्रपति के मानद यूनानी चिकित्सक पद्म पुरस्कार से सम्मानित हकीम सैफुद्दीन की धरती भी यही मेरठ रही है।
मा. उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी ने आज जनपद मेरठ में आयोजित तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व व ODOP प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में मा. राज्यपाल श्रीमती @anandibenpatel जी के साथ सम्मिलित हुआ। pic.twitter.com/IlkBscs7Gj
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 11, 2023
यूपी में संचालित हो चुका है आयुष विश्वविद्यालय
सीएम ने कहा कि तीन दिवसीय सम्मेलन में आयुर्वेद की विभिन्न विधाओं को लेकर यहां चर्चा होगी। नए शोध से भी अवगत कराया जाएगा। आयुर्वेद को योग, प्राकृतिक चिकित्सा से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से पीएम के अभियान से जोड़कर हेल्थ टूरिज्म के उत्कृष्ट केंद्र के रूप में विकसित कर सकते हैं। पीएम मोदी ने 9 वर्ष पहले आयुष मंत्रालय के गठन के साथ भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित करने के कार्यक्रम बढ़ाए, आज उसी का परिणाम है कि यूपी में 3,959 आयुष चिकित्सालय संचालित हैं, जिनमें आयुर्वेद के 2,110, होम्योपैथ के 1,584, यूनानी के 254 चिकित्सालय हैं। 50 बेड के 11 एकीकृत आयुष चिकित्सालयों के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में हम आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं। यूपी में 105 आयुष महाविद्यालय हैं, जिनमें आयुर्वेद के 79 महाविद्यालय, यूनानी के 15 और होम्योपैथ के 11 महाविद्यालय कार्यरत हैं। यूपी पहले आयुष विश्वविद्यालय को भी संचालित कर चुका है। प्रदेश सरकार अनवरत इन परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
Hon'ble Vice President, Shri Jagdeep Dhankhar inaugurated Ayurveda Exhibition at Chaudhary Charan Singh University in Meerut today. #AyurvedaParv @anandibenpatel @myogiadityanath @moayush pic.twitter.com/53JCUdnRNK
— Vice President of India (@VPIndia) March 11, 2023
कोरोना के दौरान सभी ने आयुर्वेद की महत्ता को माना
सीएम ने बताया कि दो वर्ष पहले बीएएमएस के 100 बच्चों को सीएम आवास पर आमंत्रित कर बातचीत की। मैंने पूछा कि चिकित्सक बनने के लिए आयुर्वेद ही क्यों चुना। 94 बच्चों ने बताया कि हमारी रूचि एलोपैथ में थी, लेकिन वहां प्रवेश नहीं हुआ तो यहां प्रवेश ले लिया। 4 ने कहा कि हमारी रुचि आयुर्वेद में है। दो ने कहा कि हमारे माता-पिता इसके विशेषज्ञ है, इसलिए हम इससे जुड़े। सीएम ने कहा कि मैं किसी चिकित्सा पद्धति का विरोधी नहीं हूं। कोरोना के दौरान परंपरागत चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की महत्ता को सभी ने मान लिया। बीएएमएस डॉक्टर चाहें तो हेल्थ और वेलनेस सेंटर को योग, प्राकृतिक चिकित्सा के साथ जोड़कर अच्छे ढंग से चला सकते हैं। बीएएमएस डॉक्टर अन्नदाता किसानों के लिए एफपीओ का गठन करके मेडिसिनल प्लांट की खेती कराकर हजारों किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में योगदान दे सकता है। यहां डिग्री एक, उपयोग अनेक हैं।
आयुर्वेद की धरती है यूपी
सीएम ने कहा कि यूपी आयुर्वेद की धरती है। आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वतंरि की धरती है। उन्होंने देवता और राक्षसों का भी उपचार किया था। सभी को आयुष का वरदान दिया था। डबल इंजन आपके साथ जुड़ गया है तो इस पद्धति को और तेजी से उड़ान भरने की आवश्यकता है। किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की धरा पर इस आयोजन और उनके नाम वाले इस विश्वविद्यालय को कल ही नैक मूल्यांकन में ए डबल प्लस की ग्रेडिंग मिली है। आज आयुर्वेद का सम्मेलन यह गवाही दे रहा है कि जैसे विश्वविद्यालय ने उत्कृष्ट ग्रेडिंग लेकर खुद को साबित किया है, वैसे ही आयुर्वेद भी उत्कृष्टता को साबित करेगा।
मेरठ की रही है गौरवशाली परंपरा
मेऱठ भारत के इतिहास की धऱती है। महाभारत के रचनाकार वाली धरती है। मेरठ से कुछ दूरी पर स्थित हस्तिनापुर ने महाभारत की नींव रखी और नए इतिहास का सृजन किया था। आने वाली पीढ़ी को धरोहर दी थी। विशेष उद्घोषणा भी की थी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चार मानवीय पुरुषार्थ से संबंधित जो कुछ भी है, वह इस ग्रंथ में है। जो इसमें नहीं, अन्यत्र कहीं नहीं का उद्घोष करने वाली यह धऱती है। देश की आजादी के प्रथम स्वतंत्र समर की उद्घोषणा करने वाली क्रांति धरा है। यहां के अन्नदाता किसानों के पुरुषार्थ की धऱा भी है। कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण, राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, सत्यपाल सिंह, कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, प्रदेश सरकार के मंत्री सोमेंद्र तोमर, दिनेश खटिक आदि मौजूद रहे।