निवेश-समझौतों (एमओयू) और आशयों की समीक्षा मासिक आधार पर होनी चाहिए : मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ), ‘इन्वेस्ट यूपी’

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    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की निवेश प्रोत्साहन संस्था-इन्वेस्ट यूपी (Invest UP) के नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और सचिव, औद्योगिक विकास अभिषेक प्रकाश और विशेष सचिव-मुख्यमंत्री कार्यालय (Chief Minister’s Office) और अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) प्रथमेश कुमार ने आज उत्तर प्रदेश सरकार की निवेश प्रोत्साहन और सुविधा एजेंसी-इन्वेस्ट यूपी के कार्य-कलापों की समीक्षा की। 

    उत्तर प्रदेश को भारत की नंबर एक अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री के विज़न पर बल देते हुए, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ ने निवेश परियोजनाओं के लिए पारदर्शी और समयबद्ध रूप से अनुमोदन प्रदान करने के लिए नई ऑनलाइन प्रोत्साहन-लाभ प्रबंधन प्रणाली के विकास में तेजी लाने के निर्देश दिए। उद्यमियों के सभी प्रश्नों के समाधान के लिए एक वन-स्टॉप पोर्टल विकसित और एकीकृत किया जाएगा और साथ ही नए निवेश आशयों हेतु समय पर अनुश्रवण कार्यवाही के साथ निवेशकों की समयबद्ध शिकायत निवारण को सुनिश्चित किया जाएगा।

    ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश भारत में दूसरे स्थान पर 

    इसके बाद, व्यवसायों और नागरिकों के लिए ‘नियामक अनुपालन भार’ को कम करने के लिए विभिन्न विभागों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि उद्यमियों के बीच राज्य के प्रति विश्वास बढ़ाने और आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा- ‘देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के लिए भी सभी संभव प्रयास किए जाने चाहिए।’ उल्लेखनीय है कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत में दूसरे स्थान पर है।

    568 अनुपालनों को निरपराधीकरण हेतु चिन्हित किया गया

    मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष सचिव और इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रथमेश कुमार ने बताया कि वर्तमान वर्ष में अनुपालन भार कम करने के दूसरे चरण में 31 मार्च, 2022 तक 241 अनुपालनों को कम किया गया है। अब 15 अगस्त, 2022 तक विशेष रूप से ‘निरपराधीकरण’ पर केंद्रित 1,803 अनुपालनों को कम करने हेतु चिन्हित किया गया है। दूसरे चरण के में 568 अनुपालनों को निरपराधीकरण हेतु चिन्हित किया गया है, जिसमें या तो कारावास के प्राविधान को समाप्त किया जा सकता है या कंपाउंडिंग (अपराध के शमन) के विकल्प का प्राविधान किया जा सकता है।

    उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार की निवेश प्रोत्साहन एजेंसी ‘इन्वेस्ट यूपी’ तथा भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा विभिन्न सेवाओं को प्राप्त करने के लिए व्यवसायों और नागरिकों पर अनुपालन भार को कम करने के उद्देश्य से अनावश्यक कानूनों को सरल, निरपराधी बनाने अथवा हटाने के लिए संयुक्त रूप से कार्यवाही की जा रही है। गत वर्ष 15 अगस्त, 2021 तक 100 प्रतिशत् अनुमोदन दर के साथ पहले चरण में नियामक अनुपालन भार में कमी करने के कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 1,274 अनुपालन कम किए गए हैं।