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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार ( Yogi Govt.) पर्यटन (Tourism) के क्षेत्र में निवेश और रोजगार की संभावनाएं तलाशेगी। प्रदेश में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति (New Tourism Policy) लायी जाएगी। अगले साल की शुरुआत में प्रस्तावित वैश्विक निवेश सम्मेलन से पहले ही नई पर्यटन नीति लागू कर दी जाएगी। इसमें एडवेन्चर, वेलनेस, ईको-टूरिज्म, मोटर कैरेवान आदि नए पर्यटन के विकल्पों पर विशेष जोर देते हुए इन क्षेत्र में निवेशकों को खास रियायतें दी जाएंगी।

    उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के मुताबिक, वर्ष 2018 में घोषित नीति हालांकि 2023 तक के लिए लागू है पर अगले साल जनवरी में प्रस्तावित वैशविक निवेश सम्मेलन को देखते हुए इसे चार महीने पहले ही खत्म करते हुए नई नीति लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि नई पर्यटन नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे इसी साल नंवबर में मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिलते ही लागू कर दिया जाएगा। सिंह ने बताया कि नई पर्यटन नीति-2022 में पर्यटन सेक्टर में भारी निवेश के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित किए जाने पर जोर दिया जाएगा। 

    नए पर्यटन के विकल्पों पर फोकस 

    उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत एडवेन्चर, वेलनेस, ईको-टूरिज्म, मोटर कैरेवान आदि नए पर्यटन के विकल्पों पर फोकस किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में पर्यटन संबंधी सुविधाएं सैलानियों के अनुकूल और पसंद के अनुसार विकसित की जा रही हैं। इससे पर्यटन के क्षेत्र में काफी निवेश आने की सम्भावनाएं हैं।

    80,000 लोगों को रोजगार का अवसर मिला 

    पर्यटन मंत्री ने बताया कि 2018 में जारी की गई नीति के तहत प्रदेश में विभिन्न स्थानों का विकास कराया गया है। नीति के तहत ही बीते चार सालों में 2209 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 80,000 लोगों को रोजगार का अवसर मिला है। उसके साथ ही पर्यटन व्यवसाय से जुड़े सेवाक्षेत्र के ट्रांसपोर्ट्स, ट्रेवल एजेन्ट, टैक्सी, होटल और रेस्टोरेन्ट कारोबारियों को भी लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में निवेश की काफी संभावनाएं होने के कारण प्रदेश सरकार द्वारा इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 

    मथुरा में 26.91 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा विकास कार्य

    उन्होंने बताया कि विश्व बैंक की सहायता से प्रदेश में प्रो-पुअर पर्यटन विकास परियोजना का संचालन किया जा रहा है। इस परियोजना में प्रदेश के चार प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों-आगरा, ब्रज, सारनाथ और कुशीनगर के तहत  पर्यटन विकास संबंधी गतिविधियों के माध्यम से गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन किया जा रहा है। योजना के तहत आगरा में 26.47 करोड़ रुपए की लागत से कछपुरा और मेहताबबाग क्षेत्र और मथुरा में 26.91 करोड़ रुपए की लागत से बाकेबिहारी मंदिर क्षेत्र वृन्दावन का विकास और सौन्दर्यीकरण का कार्य पूरा कराया गया है। इसके अलावा निवेशकों की पर्यटन के क्षेत्र में निवेश में काफी रूचि के मद्देनजर कई नई परियोजनाएं संचालित किए जाने की तैयारी की गयी है। इनमें बुन्देलखंड के पुराने किले, महल, गढ़ी, दुर्ग आदि शामिल हैं।