यूपी में रामायण सर्किट की तर्ज पर बनेगा परशुराम सर्किट, पांच तीर्थस्थल जुड़ेंगे

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) रामायण (Ramayana) और बुद्ध सर्किट (Buddha Circuit) की तर्ज परशुराम सर्किट (Parashuram Circuit) का विकसित करेगी। ऋषियों की तपस्थली और परशुराम से जुड़े स्थानों को जोड़ते हुए इसे उनकी जन्मस्थली जलालाबाद तक विकसित किया जाएगा। प्रदेश के लोक निर्माण विभाग को परशुराम सर्किट को विकसित करने का जिम्मा दिया गया है। इस सर्किट से प्रदेश के 6 जिले के पांच तीर्थस्थल आपस में जुड़ जाएंगे और वहां पर्यटकों की आमद बढ़ेगी। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक यह सर्किट हिंदुओं के आस्था के प्रमुख केंद्र नैमिष धाम, महर्षि दधीचि स्थल मिश्रिख, गोला गोकर्णनाथ, गोमती उद्गम, पूर्णागिरी मां के मंदिर के बॉर्डर से बाबा नीम करौली धाम और जलालाबाद परशुराम की जन्मस्थली को जोड़ेगा। इस सर्किट की लंबाई 500 किलोमीटर से ज्यादा है। इस कॉरिडोर के लिए निविदाएं आमंत्रित कर ली गयी हैं। 

    इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा

    अधिकारियों के मुताबिक लखनऊ के पड़ोस में सीतापुर जिले के नैमिषारण्य धाम से बाबा नीम करौली धाम तक परशुराम तीर्थ सर्किट बनेगा। इस सर्किट में आने वाले धार्मिक स्थलों का विकास भी योगी सरकार करवाएगी। इससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। परशुराम सर्किट के रास्ते पर जगह-जगह इन सभी तीर्थस्थलों के बारे में म्यूरल्स और मूर्तियों के जरिए जानकारी देते हुए पूरे रास्ते का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। 

    परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि महर्षि परशुराम तीर्थ सर्किट नैमिषारण्य से महर्षि दधीचि की कर्मस्थली मिश्रिख, गोला गोकरणनाथ, गोमती उद्गम होते हुए माता पूर्णागिरी से शाहजहांपुर के जलालाबाद स्थिति महर्षि परशुराम धाम से फर्रुखाबाद के नीम करौली धाम तक बनेगा।  यह सर्किट उत्तर प्रदेश के सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर,फर्रुखाबाद, बरेली से होकर गुजरेगा। 

    सरकार में आते ही सीएम योगी ने इसे पूरा किया

    गौरतलब है कि लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने शाहजहांपुर के जलालाबाद स्थित परशुराम जन्मस्थली को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने की मांग की थी।  मुख्यमंत्री ने इस मांग को पूरा करते हुए छह जिलों के पांच तीर्थों को परशुराम सर्किट में शामिल करने का एलान किया। जिसे सीएम योगी ने सरकार में आते ही पूरा किया। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में परशुराम जन्मस्थली के महंत और पुजारियों से बातचीत की गयी। इसके बाद नैमिषधाम के पुजारी, गोलागोकरन नाथ के पुजारी समेत कई साधू संतों से राय लेकर इस कॉरिडोर की रूपरेखा तैयार कर प्रस्ताव बना के एनएच के सहयोग से कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है। 

    इस प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी बैठक कर चर्चा की गई है। परियोजना के सीतापुर जिले के नैमिषारण्य के कुछ हिस्से के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित कर ली गयी हैं। जल्द केन्द्र से हरी झंडी मिलते ही काम शुरु कर दिया जाएगा।