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    लखनऊ: देश और उत्तर प्रदेश के किसान खुशहाल हों। यह मोदी और योगी सरकार का लक्ष्य है। डबल इंजन की सरकार इसके लिए हर संभव प्रयास भी कर रही है। उत्पादन बढ़ाना इसका महत्वपूर्ण घटक है। उत्पादन बढ़ाने में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका समय से मिलने वाले कृषि निवेश की है। कृषि निवेश के लिए नकदी की जरूरत होती है। इस लिहाज से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के करोड़ों किसानों (Farmers) के लिए लिए संजीवनी साबित हो रही है।

    रबी, खरीफ और जायद की फसली सीजन के दौरान 2000-2000 रुपए की तीन किश्तों में मिलने वाली यह राशि दिखने में भली छोटी लग रही हो, पर जिन लघु-सीमांत किसानों को यह मिल रही है वह फसली सीजन में जरूरी कृषि निवेश बीज, खाद और पानी के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहे। इस योजना के तहत दिसम्बर, 2022 तक कुल  51639.68 करोड़ रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से पात्र किसानों के खातों में आ चुकी है। चूंकि उत्तर प्रदेश में ऐसे किसानों की संख्या सर्वाधिक है। लिहाजा योजना का सबसे अधिक लाभ भी यहीं के किसानों को मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में देश के सर्वाधिक गांव हैं। बड़े महानगरों सटे गांवों को अपवाद मान लें तो इन ग्रामीणों की आजीविका का स्रोत खेतीबाडी ही है। इस योजना से इन सबको लाभ हो रहा है।

     पीएमकेएमवाई योजना भी दे रही बड़ा आधार

    उल्लेखनीय है कि कृषकों की आय बढ़ाने समय से जरूरी कृषि निवेश उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दिसम्बर, 2018 से यह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई थी। इसके अलावा प्रधानमंत्री किसान मानधन (पीएमकेएमवाई) योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, फसली ऋण जैसी योजनाओं के जरिए भी सरकार प्रदेश के लघु और सीमांत कृषकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध करा रही है। मसलन पीएमकेएमवाई  योजना के तहत 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके पुरुष और महिला किसानों को 3000 रुपए की मासिक पेंशन योजना है। योजना के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक,  5 जनवरी 2023 तक इसके लिए 2.49 लाख लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराया जा चुका है। 

    इतने लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित

    इसी क्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से भी इच्छुक और जरूरतमंद किसानों को आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा दी जा रही है। पहुंचाते हुए क्षतिपूर्ति की धनराशि किसानों को समय से उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2022-23 के खरीफ 2022 में 23.08 लाख बीमित कृषकों (2.94 लाख गैर ऋणी कृषक) द्वारा 16.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बीमा कराया गया जिसमें असफल बोआई / मध्यावस्था/स्थानिक आपदा के अन्तर्गत 105.18 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति की गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के 9.92 लाख बीमित कृषकों को 900.28 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया है। रबी 2022-23 के लिए निर्धारित 94506.56 करोड़ फसली ऋण वितरण लक्ष्य के सापेक्ष माह दिसम्बर, 2022 तक  3020666.09 करोड़ रुपए  ऋण का वितरण हो चुका है। इसी क्रम में योगी सरकार ने 2022-23 के लिए 65.22 लाख किसान क्रेडिट कार्ड वितरण लक्ष्य के सापेक्ष दिसम्बर, 2022 तक 42.79 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण किया जा चुका है।