अयोध्या. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार (22 जनवरी) यानी राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” प्रारंभ करने की घोषणा कर दी है। मोदी ने अयोध्या से लौटने के बाद यह निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने यह जानकारी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर दी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं। आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो।”
उन्होंने कहा, “अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” प्रारंभ करेगी। इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।”
सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो।
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— Narendra Modi (@narendramodi) January 22, 2024
ग्लोबल एनर्जी थिंक टैंक एम्बर द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार यदि भारत अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लेता है तो सौर और पवन ऊर्जा 2032 तक भारत की बिजली उत्पादन वृद्धि का दो-तिहाई हिस्सा बढ़ाने के लिए तैयार है। भारत में सौर ऊर्जा 2017 के बाद से काफी विकसित हुई है, जब देश के बिजली मिश्रण में इसकी हिस्सेदारी केवल 1 प्रतिशत थी।
विश्लेषण के अनुसार भारत को 14वीं राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी14) में उल्लिखित अपने सौर लक्ष्यों को पूरा करना चाहिए। वित्तीय वर्ष 2022-2032 के दौरान इसकी हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो तेजी से विस्तार की अवधि को चिह्नित करता है। इससे पता चलता है कि भारत की बिजली उत्पादन वृद्धि, जो पिछले दशक में मुख्य रूप से कोयले पर आधारित थी, वह अगले 10 वर्षों में सौर और पवन स्रोतों की ओर स्थानांतरित हो सकती है। बशर्ते कि भारत अपने NEP14 उद्देश्यों को प्राप्त करने के रास्ते पर बना रहे।