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    लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने  राजभवन में संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) के अति प्राचीन ग्रन्थ ‘श्रीगोकर्णपुराणसारः’ के हिन्दी भाषानुवाद का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पुराण हमारे भारतीय साहित्य (Indian Literature) के गौरव ग्रन्थ हैं इसलिए सनातन संस्कृत और परम्पराओं के व्यापक प्रचार के लि‍ए यह जरूरी है कि हमारे संस्कृत भाषा के ग्रन्थों को लोक भाषा हिन्दी में उपलब्ध कराया जाए।

    इस अवसर पर पुस्तक के सम्पादक और गोकर्ण पुराण के महात्म्य को हिन्दी में प्रस्तुत करने वाले नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण में गोकर्ण एक पवित्र नाम के रूप में वर्णित है और गोकर्ण महाबलेश्वर की महिमा को समर्पित गोकर्ण पुराण गोकर्ण क्षेत्र से जुड़ी कथाओं का विपुल संकलन है, जो गोकर्ण क्षेत्र के आध्यात्मिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराता है। 

     ग्रन्थ का पहली बार हिन्दी रूपान्तरण करने का प्रयास 

    उन्होंने कहा कि इस धार्मिक ग्रन्थ का प्रथम बार हिन्दी रूपान्तरण करने का प्रयास किया गया है ताकि आम जनमानस इसके सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व को आसानी से समझ सके। आज के इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में व्याकरण विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के अध्यक्ष प्रो. राम नारायण द्विवेदी, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. दिनेश कुमार गर्ग, सांगवेद आदर्श संस्कृत महाविद्यालय तामेश्वर नाथ देवरिया, संतकबीरनगर के प्राचार्य डा. हरिद्वार शुक्ल और स्वामी जगदीश्वरानंद महाराज उपस्थित थे।