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नई दिल्ली/अयोध्या: जहां एकतरफ श्रीरामलला की आगामी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Inaugraton) के बाद रामनगरी में उत्सव व धार्मिक अनुष्ठानों की धूम रहेगी। वहीं इस खास मौके पर सरयू तट पर 2121 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ होगा। इसमें श्रीराम के वंशज कहे जाने वाले लगभग 10,000 रघुवंशी विभिन्न राज्यों से आकर आहुति डालेंगे। इस आयोजन को भव्य स्वरूप देने के लिए करीब एक माह से सरयू तट पर 60 एकड़ भूमि में हवन कुंड व टेंट सिटी बन रही है।

जानकारी दें कि अयोध्या में कारसेवकपुरम परिक्रमा पथ बड़ी छावनी के समीप बन रही इस यज्ञशाला में 10 फरवरी 2024 से महायज्ञ की शुरुआत होगी। वहीं 18 फरवरी 2024 को पूर्णाहुति होगी। इस महायज्ञ में सम्मिलित होने के लिए छिंदवाड़ा, बैतूल, अशोकनगर, विदिशा, इंदौर, गुना, पिपरिया, जबलपुर सहित अयोध्या के सामाजिक बंधु अपना पंजीयन करा रहे हैं।

इस बाबत मध्य प्रदेश के अखंड रघुवंशी समाज कल्याण महापरिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिशंकर सिंह रघुवंशी ने बताया कि अभी 2121 कुंडीय महायज्ञ सरयू तट पर 10 से 18 फरवरी तक होगी। इसमें संगठन के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार व हिमाचल प्रदेश में फैले रघुवंशी समाज के लोग शामिल होंगे। यहां तब 9 यजमानों का शुद्धीकरण होगा। यज्ञ कराने के लिए बनारस से एक प्रधान आचार्य व 1,000 सहायक आचार्यों को आमंत्रित किया गया है। इसी परिसर में बने टेंट सिटी में ये लोग निवास करेंगे। महायज्ञ में देश के संत-महंत व राजनीतिक लोग भी शामिल होंगे।

महायज्ञ में शामिल होंगे नेपाल से आए 21 हजार पंडित

जानकारी दें कि सरयू तट पर आगामी 14 से 25 जनवरी तक श्रीरामनाम महायज्ञ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह वृहद अनुष्ठान संत आत्मानंद दास महात्यागी नेपाली बाबा के संयोजन में हो रहा है। इसके लिए 1008 नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना की जाएगी इसके लिए 1008 कुटी भी बनाई गई है। यहां 11 मंजिल का यज्ञ मंडप बनाया गया है, इसमें 100 कुंड है। इस ख़ास यज्ञ में नेपाल के 21 हजार पंडित शामिल होंगे। तब यहां रामायण के 24 हजार श्लोकों से हवन शुरू होगा, जो आगामी 25 जनवरी तक चलेगा। नेपाली बाबा ने बताया कि हर दिन 50 हजार श्रद्धालुओं के रुकने का इंतजाम किया जा रहा है। इसके साथ ही हर दिन करीब एक लाख श्रद्धालु यहां भोजन करेंगे।