Wasim Rizvi

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अल्पसंख्यक समाज के हमेशा विवादों में रहने वाले शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Shia Waqf Ex-Chairman Wasim Rizvi) ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। वसीम रिजवी को हरवीण नारायण त्यागी का नया नाम दिया गया है। सोमवार सुबह गाजियाबाद (Ghaziabad) के डासना मंदिर में स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया। वसीम रिजवी ने हिंदू बनने के बाद कहा कि मुझे इस्लाम (Islam) से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर इनाम बढ़ा दिया जाता है इसलिए आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं। यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं, वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे, उनका नया नाम हरबीर नारायण त्यागी रखा गया है।

    धर्म बदलने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि यह धर्म परिवर्तन का मामला नहीं है। मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया था अब यह मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें बहुत अच्छाइयां और इंसानियत पाई जाती है। 

    इसलिए मैंने सनातन धर्म स्वीकारा

    हिन्दू धर्म में आने के बाद रिजवी ने कहा कि वो इस्लाम को धर्म ही नहीं समझते हैं। मोहम्मद साहब के बनाए धर्म इस्लाम को पढ़ने के बाद और उसका आतंकी चेहरा देखने के बाद उन्हें समझ में आया है कि ये कोई धर्म नहीं है, बल्कि एक आतंकी गुट है जो 1400 साल पहले अरब में तैयार किया गया था। पूर्व शिया बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि हर जुम्मे की नमाज़ के बाद हमारा सर काटने के लिए कहा जाता है और मुझे मुसलमान मानने में इन्हें शर्म आती है इसलिए मैंने सनातन धर्म स्वीकार कर लिया है।

    अपनी वसीयत भी सार्वजनिक की थी

    गौरतलब है कि वसीम रिजवी ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह इस्लाम छोड़ सनातन धर्म में शामिल होने वाले हैं। बीते दिनों रिजवी ने अपनी वसीयत भी सार्वजनिक की थी। इसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए और उनके शरीर को जलाया जाए। वसीम रिजवी ने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें। रिजवी ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनके मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा। इसलिए उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में जलाया जाए।

    कई बार मिल चुकी हैं धमकियां

    उधर वसीम का धर्मांतरण कराने के बाद यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि वो वसीम रिजवी के साथ हैं और धर्म परिवर्तन के बाद वह त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे। यति नरसिंहानंद करीब एक महीने पहले ही जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर भी बन गए हैं। शिया वक्‍फ बोर्ड के चेयरमैन रह चुके वसीम रिजवी काफी समय से कट्टरपंथियों के साथ ही अपनी शिया बिरादरी के निशाने पर हैं। वह शिया-सुन्नी दोनो धर्मों के उलेमाओं, रिवाजों के खिलाफ लंबे समय से खुलकर आवाज उठाते रहे हैं। कई बार उन्‍हें जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। कुछ समय पहले वसीम रिजवी ने कुरान के कथित रूप से विवादित आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को याचिका दाखिल की थी। उनकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी, साथ ही उन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद से वसीम रिजवी मुस्लिम संगठनों के निशाने पर हैं।