UPGIS2023 PM Modi

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: अपने उद्घाटन से पहले ही लक्ष्य से आगे निकलने के साथ ही शुक्रवार से उत्तर प्रदेश में शुरु होने वाले  यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। सम्मेलन का उद्घाटन शुक्रवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi,) के हाथों होगा। अब केंद्र के 21 वरिष्ठ मंत्रियों ने सम्मेलन में आने के लिए अपनी सहमति दे दी है। इनमें गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) भी शामिल हैं। सम्मेलन का समापन 12 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के भाषण से होगा। निवेशक सम्मेलन में उद्यमियों, बैंकर्स, विशेषज्ञों, अधिकारियों और अन्य प्रतिनिधियों की उमड़ने वाली भारी भीड़ के मद्देनजर समारोह स्थल वृंदावन योजना मैदान की ओर जाने वाले रास्तों पर यातायात के प्रतिबंध गुरुवार से ही लागू कर दिए जाएंगे। सम्मेलन में आने वाले मेहमानों के लिए राजधानी लखनऊ के लगभग सभी बड़े होटलों को आरक्षित कर दिया गया है। 

    वैश्विक निवेशक सम्मेलन के पार्टनर देशों के तौर पर नीदरलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, यूएई, इटली, यूनाइटेड किंगडम और मारीशस से निवेशकों और उद्यमियों का बड़ा दल भाग लेने आ रहा है। तीन दिनों तक चलने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन स्थल के समारोह स्थल को सात हिस्सों में बांटा गया है। जहां पहले हिस्से में 10,000 लोगों के बैठने का इंतजाम किया गया है, वहीं बाकी के हिस्सों में विभिन्न सत्रों के आयोजन के साथ प्रदर्शनियां लगायी जाएंगी। सम्मेलन के दौरान तीनों दिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

    500 से ज्यादा कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे

    इन कार्यक्रमों में 500 से ज्यादा कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। प्रसिद्ध बांसुरी वाद राकेश चौरसिया, भजन गायक हंसराज रघुवंशी के कार्यक्रम के अतिरिक्त सांस्कृतिक पंडाल में आदिवासी नृत्य कर्मा, फरुही, ढेढियां, नटवारी, मशक बीन, धोबिया, थारु नृत्य के साथ ही डमरु वादन भी होगा। निवेशक सम्मेलन में चार चांद लगाने के लिए कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाले रास्ते शहीद पथ के दोनों ओर म्यूरल्स बनाए गए हैं। साथ ही सभी चौराहों के साथ ही ऐतहासिक इमारतों को फसाड लाइटों से सजाया गया है। राजधानी लखनऊ भर में सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर विशेष रौशनी की व्यवस्था की गयी है।

    सम्मेलन से पहले ही पा लिया लक्ष्य

    उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए पहले 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा था। विदेशों में हुए सफल रोड शो के बाद इस लक्ष्य को बढ़ाकर 17 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। हालांकि अब तक विदेशों, देश के विभिन्न राज्यों व प्रदेश के हर जिले में आयोजित रोड शो के दौरान जिस कदर प्रस्ताव मिले उससे माना जा रहा है लक्ष्य से कहीं ज्यादा निवेश प्रदेश में आएगा। बीते सप्ताह के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश को 22 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। माना जा रहा है कि अभी तीन दिनों तक चलने वाले सम्मेलन के दौरान यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा। उत्तर प्रदेश में उद्यम लगाने के लिए अब तक 14,000 से ज्यादा एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।

    बड़ी तादाद में आ रहे हैं एमएसएमई

    उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए बड़ी तादाद में छोटे और मझोले उद्यमी सामने आए हैं। औद्योगिक विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 12,000 के लगभग एमएसएमईसेक्टर के निवेशकों ने यहां उद्यम लगाने की इच्छा जतायी है। यह उद्यमी प्रदेश में 1.20 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। प्रदेश में सबसे ज्यादा रोजगार इन छोटे निवेशक के जरिए ही पैदा होने वाला है। अनुमान के मुताबिक, 1.20 लाख करोड़ के निवेश के साथ एमएसएमई क्षेत्र में प्रदेश में 1.30 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी।

    1,400 बड़े घराने करेंगे बड़ा निवेश

    एमएसएमई के अलावा 1,400 से ज्यादा उद्यमियों ने अब तक 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव दे हैं अथावा एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रदेश में 400 निवेशक करीब 500 करोड़ रुपए प्रत्येक का निवेश करने का प्रस्ताव दे चुके हैं। वहीं 1,000 से ज्यादा निवेशक ऐसे हैं जो 50 करोड़ रुपए से लेकर 200 करोड़ रुपए तक का निवेश करेंगे। इनके अतिरिक्त 150 निवेशक तो 3,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।

    ऊर्जा और शिक्षा क्षेत्र में होगा बड़ा निवेश

    प्रदेश में सबसे ज्यादा निवेश प्रस्ताव ऊर्जा और शिक्षा क्षेत्र में मिले हैं। अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा 3.40 लाख करोड़ रुपए का निवेश ऊर्जा क्षेत्र ने हासिल किया है। शिक्षा क्षेत्र में भी 1.57 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं। प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय और कालेज के साथ ही अन्य तरह के शिक्षा संस्थान खोलने के लिए 54 प्रस्ताव मिले हैं। वहीं आईटी और इलेक्ट्रानिक्स विभाग ने 1.50 लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। वैकल्पिक एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग ने पहले तय लक्ष्य का पांच गुना से भी ज्यादा निवेश प्राप्त करने में सफलता पाई है। वैकल्पिक ऊर्जा विभाग को पहले 40,000 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया जिसे बाद में बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपए कर दिया गया।