Sterling Wilson Solar commissioned 25 MW solar power project in Oman
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सौर ऊर्जा (Solar Energy) का उत्पादन अगले चाल सालों में 10000 मेगावाट के पार होगा। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) बुंदेलखंड (Bundelkhand) क्षेत्र में तीन अल्ट्रा मेगा सोलर एनर्जी पार्क लगा रही है। इसके साथ ही प्रदेश में रुफटाप सोलर और नलकूपों का सौर ऊर्जीकरण करने की योजना को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश में जहां 2017 तक सौर उर्जा क्षेत्र में कुल उत्पादन 300 मेगावट का था, वहीं अब यह बढ़कर 1635 मेगावाट हो गया है। जल्दी ही 315 मेगावाट क्षमता की अन्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं में उत्पादन होने लगेगा। इसके अलावा कई सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निवेश संबंधी प्रस्ताव प्रदेश सरकार को मिले हैं।

    उत्तर प्रदेश गैर पारंपरिक उर्जा विकास प्राधिकरण (यूपीनेडा) के अधिकारियों के मुताबिक, बीते साढ़े सालो में सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देने संबंधी एक बेहतर ढ़ांचा प्रदेश में तैयार हो गया है। जिसे चलते अब राज्य में बुंदेलखंड के जालौन जिले में 1200 मेगावाट का सोलर पार्क लगाया जा रहा है। नेशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन (एनएचपीसी) और यूपीनेडा के संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी इस पार्क को लगा रही है। इसी प्रकार टिहरी हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) और यूपीनेडा के संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी 1200 मेगावाट का सोलर पार्क बुंदेलखंड में स्थापित करेगी। इसके अलावा जालौन में ही 200 और 65 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। झांसी, ललितपुर और चित्रकूट में टुस्को और यूपीनेडा अपने संयंत्र लगाएगी। 

    ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था 

    सौर ऊर्जा नीति के तहत सोलर पार्क की स्थापना और सौर ऊर्जा को थर्ड पार्टी विक्रय के लिए ओपन एक्सेस दिया गया। इस नीति के प्रोत्साहन प्राविधानों के तहत ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था के साथ ही सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 100 फीसद स्टाप ड्यूटी में छूट और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष तक 100 फीसदी छूट का प्रावधान किया गया। अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश की नई सौर नीति का लाभ लेते हुए बुंदेलखंड के सातों जिलों बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, झांसी और ललितपुर में अब तक कुल 11 सौर ऊर्जा प्राइवेट कंपनियां अपने सौर प्रोजेक्ट स्थापित कर चुकी हैं। इनसे साढ़े 500 मेगावाट से ज्यादा बिजली रोजाना मिल रही है।

    सौर पावर परियोजनाएं शुरू हो चुकी 

    सौर ऊर्जा के उत्पादन की दिशा में तेजी से हो रहे निवेश को देखते हुए सरकार ने भी इस सेक्टर पर ध्यान केंद्रित किया हैं। जिसके चलते प्रदेश में 8905 करोड़ रुपए के निवेश से तैयार हुई दो दर्जन से अधिक सौर पावर परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। इसके साथ ही सरकार के प्रयास से प्रदेश में 235 मेगावाट क्षमता के सोलर रूफटॉप स्थापित हो चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि राज्य में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने इस दिशा में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिसके चलते सोलर रूफटॉप स्थापित करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में लोगों को स्थायी रोजगार मिल रहा है।