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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के मद्देनजर सूबे में सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। इसी के साथ राज्य में पहले चरण की 58 सीटों पर कल वोटिंग होनी है। बताना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में पहले फेज (First Phase) के तहत वेस्टर्न यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर कल मतदान होना है। इस फेज में कई दिग्गज उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला वोटर करेंगे। वैसे मतदान सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 6 बजे तक होगा। निर्वाचन आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पहले चरण के चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 

    ज्ञात हो कि इस चरण में शामली, हापुड़,  बागपत, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा तथा आगरा जिलों में मतदान होगा। पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार का काम मंगलवार शाम पांच बजे ही खत्म हो गया था। पहले चरण के चुनाव में कुल 623 उम्मीदवार मैदान में हैं और इस चरण में 2.27 करोड़ मतदाता हैं। पहले चरण का चुनाव जाट बहुल क्षेत्र में होगा। इस चरण में प्रदेश सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, संदीप सिंह, कपिल देव अग्रवाल, अतुल गर्ग और चौधरी लक्ष्मी नारायण के राजनीतिक भाग्य का फैसला होगा।

    उत्तर प्रदेश: पहले चरण में मुस्लिम उम्मीदवार।

    गौर हो कि यूपी में पहले चरण के 11 जिलों की 58 सीटों में से कई सीटों पर प्रमुख दलों के लगभग 50 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। समाजवादी पार्टी-आरएलडी गठबंधन के 13, बहुजन समाज पार्टी के 17, कांग्रेस के 11 और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के नौ उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि भाजपा ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है। 

    SP-RLD गठबंधन की होगी अग्निपरीक्षा।

    यूपी का पहला चरण कई मायनों में समाजवादी पार्टी-आरएलडी के गठबंधन के लिए खास है।  इस फेज में इन दोनों दलों की अग्निपरीक्षा होनी है। दरसल साल 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पहले चरण की 58 में से 53 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) को दो-दो सीटें मिली थी। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का भी एक प्रत्याशी जीता था। 

    पीएम मोदी ने बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने का किया काम। 

    पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार का ज्यादातर काम कोविड-19 महामारी के मद्देनजर निर्वाचन आयोग द्वारा रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगाए जाने कारण डिजिटल माध्यम से ही किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान की अगुवाई करते हुए केंद्र और उत्तर प्रदेश में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों की उपलब्धियों का जिक्र किया और सपा-रालोद के गठबंधन पर हमला करते हुए लोगों को ‘नकली समाजवादियों’ से सतर्क रहने को कहा। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 से पहले कैराना से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा बार-बार उठाया। 

    अखिलेश-जयंत ने लगाई पूरी ताकत, बीजेपी को जमकर घेरा।

    उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान किसानों के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया और भाजपा नेताओं पर झूठ बोलने के आरोप लगाए। अपने चुनाव प्रचार अभियान की देर से शुरुआत करने वालीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने लोगों को अपनी पिछली सरकार के कार्यकाल में राज्य की कानून व्यवस्था की याद दिलाई और प्रतिद्वंद्वी पार्टियों पर प्रदेश की जनता से ‘छल’ करने का आरोप लगाया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने मतदाताओं के घर घर जाकर वोट मांगे।