शापिंग माल की तर्ज पर विकसित होंगे यूपी के सरकारी बस अड्डे

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    – राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सरकारी बस स्टेशनों (Government Bus Stations) का जल्द ही कायाकल्प होगा। प्रदेश के बड़े शहरों के बीच खासी जगह घेर रहे बस स्टेशनों को अब आधुनिक शापिंग माल (Shopping Mall) की तर्ज पर विकसित (Developed) किया जाएगा। इस कदम के बाद सरकारी बसों से चलने वाले यात्रियों को स्टेशनों पर तमाम सुविधाओं के साथ ही वीआईपी अहसास होगा।

    उत्तर प्रदेश सरकार बीते एक दशक से परिवहन निगम के बस स्टेशनों को आधुनिक रुप में विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। हालांकि कई बार के प्रयासों के बाद भी यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी है। 

    बस अड्डों निर्माण के लिए जल्द शुरू होगी ई-टेंडर प्रक्रिया

    अब एक बार फिर उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह के निर्देश पर परिवहन विभाग के 18 बस अड्डों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने की कार्ययोजना बनायी गयी है। दयाशंकर सिंह का कहना है कि यात्री सुवधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा और बस अड्डों के निर्माण के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया को जल्दी ही शुरू किया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर विकसित किये जाने वाले बस अड्डों में भविष्य में विस्तार की भी गुंजाइश रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में  इलेक्ट्रिक बसें भी ज्यादा चलन में होंगी लिहाजा इसको भी ध्यान में रखते हुए चार्जिंग प्वाइन्ट्स आदि का भी प्रावधान नए विकसित होने वाले बस स्टेशनों में किया जाएगा।

    गौरतलब है कि योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में भी 17 सरकारी बस अड्डों को नया कलेवर देने की योजना बनी थी। इस प्रस्ताव को मंजूरी भी मिली थी और निविदाएं आमंत्रित करने की कवायद भी शुरु की गयी थी। हालांकि बीच में विधानसभा चुनाव आ जाने के चलते इस पर काम आगे नहीं बढ़ सका था। इस संबंध में जानकारी देते हुए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक आरपी सिंह का कहना है, कि बिडर्स के सुझावों के मद्देनजर प्रस्ताव तैयार करके जल्द ही शासन की अनुमति के लिए भेजा जायेगा। शासन से अनुमति मिलते ही इसके लिए निविदायें आमंत्रित की जायेगी।

    परिवहन निगम ने इस बार पीपीपी मॉडल पर गाजियाबाद के कौशाम्बी, कानपुर सेन्ट्रल, वाराणसी कैंट, सिविल लाईन्स प्रयागराज, राजधानी लखनऊ के विभूतिखण्ड गोमतीनगर, मेरठ,  आगार के ट्रान्सपोर्ट नगर और ईदगाह बस स्टेशनों के साथ ही आगरा फोर्ट, अलीगढ़, मथुरा के पुराने स्टेशन, गाजियाबाद, गोरखपुर, चारबाग बस स्टेशन, जीरो रोड डिपो प्रयागराज, अमौसी लखनऊ, साहिबाबाद, अयोध्या सहित 18 बस अड्डों को निजी क्षेत्र के जरिए विकसित किए जाने की सूची में रखा है। इन सरकारी बस स्टेशनों को मांल की तरह संवारा जाएगा जहां शापिंग कांप्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट, बैंक और लाउंज वगैरा बनाए जाएंगे। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी बस स्टेशन ज्यादातर शहरों में पाश इलाकों में मौजूद हैं जिनके पास काफी तादाद में खाली जमीन भी है।