UP-police
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    वाराणसी: उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) अब कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही आपके जीवन को भी बचाएगी। इसके लिए पुलिसकर्मियों को देश के जाने माने आर्थोपेडिक डॉक्टरों (Orthopedic Doctors) की ओर से बकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है। यूपी पुलिस को फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में तैयार करने के इस प्रशिक्षण (Training) को ‘ईच वन सेव वन 2022’ का नाम दिया गया है। 

    पूरे प्रदेश में इसके लिए एक सप्ताह का वर्कशॉप आयोजित किया जा रहा है। वहीं पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पुलिस कमिश्नरेट यातायात सभागार में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

    मेडिकल इमर्जेंसी के लिए तैयार की जा रही खाकी 

    इस ट्रेनिंग वर्कशॉप में रोड एक्सिडेंट, आपदा प्रबंधन, हार्ट अटैक और अन्य मेडिकल इमर्जेंसी की स्थिति में फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में तैयार किया जा रहा है। दिन-रात चौराहों पर मुस्तैद रहने वाली पुलिस किसी भी घटना के दौरान सबसे पहले मौके पर पहुंचती है। यदि पुलिस कर्मियों को प्राथमिक उपचार और सीपीआर देने आता है, तो कई लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। 

    एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के दिशा-निर्देश में चल रहा कार्यक्रम 

    इस वर्कशॉप को यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार की पहल पर संचालित किया जा रहा है। इसी के तहत वाराणसी में पुलिसकर्मियों को ‘ईच वन सेव वन 2022’ की थीम पर बेसिक लाइफ सपोर्ट का डेमो देकर प्रशिक्षित किया गया।

    15,000 पुलिसकर्मियों को दी जा चुकी है ट्रेनिंग

    डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि प्रदेश भर में कुल 15,000 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा। किसी भी आकस्मिक घटना के बाद 10 मिनट का समय काफी महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में घायल को तुरंत फस्ट एड मिल जाए तो बचने की सम्भावना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि वाराणसी में अब तक 800 पुलिसकर्मियों को डॉ. कर्म राज सिंह और उनकी टीम द्वारा सीपीआर के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।