Keshav Prasad Maurya

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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने बताया कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास, पूंजी निवेश, रोजगार सृजन और स्टेक होल्डर के आय में वृद्धि की सम्भावनाओं के दृष्टिगत उ.प्र. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 (Uttar Pradesh Food Processing Industry Policy-2022) क्रियान्वित की जाएगी। इसके पहले उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग में उ.प्र. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 लागू थी। उन्होंने बताया कि नीति का उद्देश्य राज्य में कृषि उपज के प्रसंस्करण को बढ़ाना और अन्य राज्यों और देशों में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को प्रोत्साहित करना है। यह नीति के लिए उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग नोडल विभाग होगा और उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय नोडल एजेंसी होगी।

    मौर्य ने कहा कि प्रदेश के कृषकों को उनकी आय का उचित और लाभकारी मूल्य दिलाने, कच्चे उत्पादों का मूल्य संवर्धन, प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करना, उपभोक्ताओं को प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर प्रसंस्कृत उत्पाद सुलभ कराना, रोजगार के नए अवसर सृजित करना उपलब्ध मानव शक्ति की क्षमता और कौशल में वृद्धि करना और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मानव शक्ति उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उ.प्र. प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 को क्रियान्वित किया जाना है।

    कई सब्सिडी का प्रावधान 

    उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2022 में विभिन्न नीतिगत प्रोत्साहनों की व्यवस्था की गयी है। इसके तहत 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति, गैर कृषि उपयोग घोषणा के लिए शुल्क से छूट परियोजना, परियोजना स्थल में आने वाली सरकारी भूमि के विनिमय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए भू-उपयोग परिवर्तन के लिए 10 हजार रुपए के प्रतीकात्मक शुल्क, बाहरी विकास के लिए 50 हजार रुपए के प्रतीकात्मक शुल्क, स्टाम्प शुल्क से छूट, प्रसंस्करण के लिए राज्य के बाहर से लायी गयी कृषि उपज पर मंडी शुल्क और उपकर से छूट, प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे बेचे जाने वाले कृषि उत्पाद के लिए मंडी शुल्क और उपकर से छूट, प्रसंस्करण इकाइयों को बिजली आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर सब्सिडी, निर्यात केक लिए परिवहन सब्सिडी आदि का प्रावधान है।

    प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा

    निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश आर. के. तोमर ने बताया कि नीति के तहत राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना के सम्बन्ध में संयंत्र, मशीनरी और तकनीकी सिविल कार्य पर किए गए व्यय का 35 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान अधिकतम सीमा पांच करोड़ रुपए तक दिया जाना है। नीति में सूक्ष्म एवं लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और रीफर वीकल्स / मोबाइल प्री-कूलिंग वैन के लिए ब्याज उपदान की व्यवस्था की गयी है। नीति के तहत खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमिता विकास के लिए प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाएगा। विभाग राज्य में खाद्य प्रसंस्करण में अनुभव तथा पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थानों और कॉलेजों को सूचीबद्ध करेगा और नीति के तहत प्राप्त परियोजनाओं और प्रस्ताव के मूल्यांकन किए कार्यों का सत्यापन का कार्य करेगा।