
लखनऊ. मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा (Gangster Sanjeev Jeeva) की लखनऊ सिविल कोर्ट (Lucknow civil court) में गोली मार हत्या कर दी गई। इस घटना में एक बच्ची और दो पुलिसकर्मी समेत चार लोग घायल हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक लखनऊ के कैसरबाग स्थित कोर्ट में आज दोपहर पेशी पर आए जीवा की कुछ बदमाशों ने गोलीमारकर हत्या कर दी। हत्यारे वकील के कपडे में आए थे। उन्होंने जीवा पर 5-6 राउंड फायरिंग की। इसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
#WATCH | Injured police official brought to Civil Hospital in Lucknow. pic.twitter.com/B3blORgDQ6
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 7, 2023
इस घटना से कोर्ट परिसर में सनसनी फैल गई है। जीवा की हत्या के समय उसके आसपास करीब 20 पुलिकर्मी थे। इस घटना में घायल हुए लोगों को लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इस घटना के तुरंत बाद अदालत परिसर पहुंचे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “लखनऊ जेल में निरुद्ध संजीव माहेश्वरी जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था जहां अज्ञात हमलावर द्वारा गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई।”
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में दो साल की एक लड़की और एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी है। लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि पुलिस कांस्टेबल के दांये पैर में गोली लगी है और उसकी हालत स्थिर है। मुख्तार अंसारी गिरोह का कुख्यात सदस्य जीवा (48) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कृष्णानंद राय और उत्तर प्रदेश में भाजपा के मंत्री रहे ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपी था और उस पर हत्या, धोखाधड़ी और आपराधिक षड़यंत्र के दो दर्जन मामले दर्ज थे।
ब्रह्मदत्त द्विवेदी और उनके गनर की 10 फरवरी, 1997 को उस समय हत्या कर दी गई जब वह फर्रुखाबाद जिले में एक तिलक समारोह से लौट रहे थे। निचली अदालत ने 17 जुलाई, 2003 को जीवा और अन्य आरोपियों को द्विवेदी और उनके गनर की हत्या का दोषी करार दिया था और इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस बीच, बुधवार को अदालत परिसर के भीतर इस हिंसा से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और पुलिस पर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की मांग की।
अपर पुलिस महानिदेशक (लखनऊ जोन) पीयूष मोर्डिया ने कहा, ‘‘जब हमलावर ने गोली चलाई, उस समय जीवा विशेष एडीजे की अदालत के बाहर गलियारे में अपनी पेशी की बारी आने की प्रतीक्षा कर रहा था।”
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावर द्वारा करीब छह गोलियां चलाई गईं। राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच टीम)गठित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि एसआईटी को एक सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने को कहा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस एसआईटी में एडीजी (तकनीकी) मोहित अग्रवाल, आईपीसी नीलाब्जा चौधरी और आईजी (अयोध्या) प्रवीण कुमार होंगे। इस घटना के महज दो महीने पहले गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की इसी तरह की एक घटना में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इन दोनों भाइयों की पुलिस सुरक्षा में तीन हमलावरों द्वारा 15 अप्रैल को उस समय हत्या कर दी गई जब दोनों को चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।
#WATCH | SP chief Akhilesh Yadav speaks on the law and order situation in UP after the recent firing incident in #Lucknow civil court
"Is it a democracy? The question is not who is being killed but the question is that one is being killed where security is the highest," he says pic.twitter.com/0FVCbauWZW
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 7, 2023
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है।उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार ने अपराधियों को खुला हाथ छोड़ दिया है। अपराधी जिसे चाहते हैं, जब चाहते हैं, मार देते हैं। पुलिस हिरासत, पुलिस थाना और अदालत में हत्याएं हो रही हैं। सड़कों पर हत्याएं हो रही हैं। लोग प्रदेश में कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।”
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया, “लखनऊ के अदालत परिसर में गोली मारने की यह घटना कानून व्यवस्था के संदर्भ में इस सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस तरह की घटनाओं की वजह से लोगों में चिंता है। बसपा की मांग है कि सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए।” (एजेंसी इनपुट के साथ)