लखनऊ: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पहली बार औद्योगिक विकास, कृषि विकास चलाने का काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की दृष्टि (विजन) उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल जाएगी। उत्तर प्रदेश निवेश के लिए सर्वोत्तम गंतव्य है। प्रचुर जल संसाधन, ऊर्जा, मानव संसाधन और शानदार कनेक्टिविटी से यहां ई मोबिलिटी के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। ई-मोबिलिटी के सेक्टर में उत्तर प्रदेश में निवेश (Investment in Uttar Pradesh) कर उद्यमी पर्यावरण संरक्षण, रोजगार निर्माण और गरीबी दूर करने में भागीदारी बनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के सपने को साकार करने में भागीदार बन सकते हैं।
उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के दूसरे दिन शनिवार को ई-मोबिलिटी, व्हीकल्स एंड फ्यूचर मोबिलिटी विषय पर आयोजित सत्र में गडकरी ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन की सराहना करते हुए कहा कि आप किसी को आंखें दान कर सकते हैं, विकास की दृष्टि नहीं दान कर सकते। गरीबी दूर करने के लिए रोजगार निर्माण करना होगा और रोजगार निर्माण के लिए उद्योग और पूंजी निवेश की आवश्यकता होगी। पूंजी निवेश होगा तो उद्योग लगेंगे, उद्योग लगेंगे तो रोजगार बढ़ेगा और रोजगार बढ़ने से गरीबी दूर होगी। इसी विजन से सीएम योगी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया है। उनका यह प्रयास अप्रोप्रिएट हाईवे पर है। एक्सप्रेस हाईवे पर सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की गाड़ी फुल स्पीड से दौड़ रही है। उनके प्रयास से उत्तर प्रदेश को भुखमरी, गरीबी और बेरोजगारी से पूर्ण मुक्ति मिलेगी।
Addressed session on E-Mobility, Vehicles & Future Mobility during UP Global Investors Summit 2023, Lucknow in the presence of UP CM Shri @myogiadityanath Ji, State Transport Minister Shri @dayashankar4bjp Ji, NITI Aayog CEO Shri Parameswaran Iyer Ji, and other senior officials. pic.twitter.com/XTwJP6rfR9
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 11, 2023
निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश में निवेश करने का सुनहरा अवसर
उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने टेक्नो इन्वेस्टर्स के लिए रेड कारपेट बिछा रखा है। ऐसे में निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश में निवेश करने का सुनहरा अवसर है। पारदर्शिता, समयबद्ध निर्णय, सत्ता का विकेंद्रीकरण और सकारात्मकता का प्रतिबिंब सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन में दिखता है। गडकरी ने कहा कि भारत 16 लाख करोड़ रुपए का एनर्जी (पेट्रोल, डीजल, गैस) का आयात करता है। यह 16 लाख करोड़ रुपए देश के बाहर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश को ऊर्जा का आयात करने वाला नहीं, बल्कि निर्यात करने वाला देश बनाना है। ऊर्जा निर्यातक देश बनाने के इस परिप्रेक्ष्य में सर्वाधिक संभावना उत्तर प्रदेश में है और यह सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पूरा होगा। उन्होंने कहा कि कोई भी वस्तु या व्यक्ति बेकार नहीं होता, सीएम योगी आदित्यनाथ इस विजन को लेकर आगे बढ़ते हैं। उनके नेतृत्व में क्षमता है की उत्तर प्रदेश देश के उर्जा आयात में दो लाख करोड़ रुपए तक की कमी ला सकता है।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का टर्नओवर 15 लाख करोड़ के आंकड़े पर पहुंचाना लक्ष्य
गडकरी ने कहा कि ऑटो मोबाइल सेक्टर में देश का टर्नओवर 7.8 लाख करोड़ है। विश्व के सभी ब्रांड यहां मौजूद हैं। देश में चार करोड़ लोगों को रोजगार भी इसी इंडस्ट्री से मिलता है। देश और राज्यों को जीएसटी से सर्वाधिक राजस्व भी यही इंडस्ट्री देती है। हमारा लक्ष्य अगले 5 साल में देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का टर्नओवर 15 लाख करोड़ के आंकड़े पर पहुंचाना है। समयानुकूल प्रौद्योगिकी से इसे हासिल करने में सफलता भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सर्वाधिक यंग टैलेंटेड इंजीनियरिंग मैन पावर हिंदुस्तान में है। हमारे देश के सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पूरी दुनिया में मांग है।
एक हजार करोड़ रुपए का रोड बनाने में 100 करोड़ डीजल पर खर्च हो जाते हैं
ई व्हीकल्स की विकास की चर्चा करते हुए गडकरी ने कहा कि आज इलेक्ट्रिक कार, इलेक्ट्रिक स्कूटर, इलेक्ट्रिक बस, इलेक्ट्रिक ट्रक, इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर इलेक्ट्रिक जेसीबी और इलेक्ट्रिक कंस्ट्रक्शन उपकरण सब कुछ बन रहे हैं। एक हजार करोड़ रुपए का रोड बनाने में 100 करोड़ रुपए डीजल पर खर्च हो जाते हैं, जबकि ई मशीनरी से यह खर्च सिर्फ 10 करोड़ होगा और 90 करोड़ रुपए बचेंगे। ऐसा होने पर हमारे कार्य बिलो टेंडर होने लगेंगे। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए अद्यतन प्रौद्योगिकी, आर्थिक सम्भाव्यता, कच्चा माल और बाजार की उपलब्धता महत्वपूर्ण घटक होते हैं। हमारे पास बाजार की कोई कमी नहीं है। अभी देश मे 30 करोड़ वाहन हैं। 10 साल बाद जनसंख्या कम और वाहनों की संख्या अधिक होगी। परिवार में तीन सदस्य होंगे तो वाहनों की संख्या पांच होगी।
…तो ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश बढ़ेगा
उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग में लागत भी कम हो रही है इसके लिए स्क्रेपिंग नीति लाई गई है 15 लाख वाहनों को स्क्रैप करने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय बजट में राज्य सरकारों को भी स्कीम लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह पुरानी गाड़ियों को भंगार में डाल दें। गडकरी ने कहा कि यदि 45 लाख पुराने वाहन स्क्रैप होंगे तो ऑटोमोबाइल कंपोनेंट 30 प्रतिशत सस्ते हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी देश को अल्युमिनियम, रबर, प्लास्टिक आदि का आयात करना पड़ता है। आयात से अल्युमिनियम 145 रुपए किलो पड़ता है, जबकि भंगार से 80 रुपए किलो मिल जाता है। कच्चा माल सस्ता होगा तो ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश बढ़ेगा। उन्होंने एक जिले में तीन स्क्रैप यूनिट खुलने की संभावना जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि वे स्क्रेपिंग, टेस्टिंग यूनिट और ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर का क्लस्टर बनाएं, उनका मंत्रालय पूर्ण सहयोग देगा।
इलेक्ट्रिक वाहन की संख्या में हो रहा इजाफा
गडकरी ने बताया कि अभी देश में 20.8 लाख इलेक्ट्रिक वाहन हैं। 2021 की तुलना में इसमें 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक देश मे इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या दो करोड़ करने का है और इसमें 50 लाख सरकारी वाहन होंगे। उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या अभी 4.50 लाख है। यहां इस क्षेत्र में कई स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। इसे बढ़ावा मिलने पर यूपी में 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। लंदन के ई-व्हीकल ट्रांसपोर्ट मॉडल का सुझाव देते हुए गडकरी ने कहा कि निवेशक अपनी पूंजी लगाकर एसी ई बस चलवाएंगे। टिकट की बजाय कार्ड सिस्टम होने से इसमें कोई कंडक्टर नहीं होगा। सरकार का एक भी रुपया खर्च नहीं होगा और सौ दो सौ करोड़ का निवेश आ जाएगा। आने वाले समय में यूपी में गोरखपुर, कानपुर, फतेहपुर, गाजियाबाद इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के हब बन सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में पहली बार इंडस्ट्रियल ग्रोथ, एग्रीकल्चरल ग्रोथ का विचार करके काफी बड़ा इन्वेस्टमेंट देश के इतिहास में यूपी में लाने का काम @myogiadityanath जी ने किया है: @nitin_gadkari#UPInvestorsSummit pic.twitter.com/IfXNbROUBm
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उत्तर प्रदेश 250 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति करता है
उन्होंने कहा कि देश में एक करोड़ लोग रिक्शा ढोने का काम करते थे, उनमें से 90 प्रतिशत अब ई-रिक्शा चला रहे हैं। ई-रिक्शा में खर्च पेट्रोल की तुलना में सिर्फ 10 प्रतिशत लगता है। गडकरी ने कहा कि अभी हमारे यहां लिथियम ऑयन बैटरी महंगी है। इसके लिए कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है। गडकरी ने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में एसी एयरपोर्ट की तर्ज पर पासपोर्ट बनाए जाएंगे। इसके लिए उनका मंत्रालय पैसे की कोई कमी नहीं आने देगा। गडकरी ने कहा कि कृषि विविधता करण के जरिए हमें गरीब को धनवान बनाना है। उत्तर प्रदेश में गन्ना उद्योग 50 हजार करोड़ रुपए का है और अब एथेनाल के उत्पादन से भी काफी पैसे मिल रहे हैं। 75 डिस्टलरी के जरिए उत्तर प्रदेश 250 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति करता है। अभी एथेनाल की काफी कमी है ऐसे में उत्तर प्रदेश में 500 डिस्टलरी लग सकती हैं। एथेनॉल की गुणवत्तापूर्ण खपत बढ़ाने के लिए फ्लेक्स इंजन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जा रहा है। गांव में एथेनॉल पंप शुरू हुए तो पूरी अर्थव्यवस्था बदल सकती है।
₹2 लाख करोड़ की इकॉनोमी कम से कम बनाने की क्षमता यूपी की है और @myogiadityanath जी के नेतृत्व में इसमें सफलता मिलेगी : @nitin_gadkari #UPInvestorsSummit pic.twitter.com/uUL5BsPxVN
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किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बनेंगे
गडकरी ने कहा कि पानी और बायो मास से ग्रीन हाइड्रोजन बनाने को लेकर भी सरकार की तरफ से पर्याप्त बढ़ावा देने की पहल की गई है और उत्तर प्रदेश में इसे लेकर काफी संभावनाएं हैं। हमारे यहां तो 450 फुट पर पानी मिलता है, जबकि उत्तर प्रदेश में पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। यहां किसान पुणे से अपनी खपत के लिए तो पानी निकालेगा ही ग्रीन हाइड्रोजन बनाकर भी वह आर्थिक समृद्धि की राह पकड़ सकता है। इससे किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बनेंगे। बगास और पराली से भी ग्रीन हायड्रोजन बन सकता है। उन्होंने कहा कि 110 के डीजल की वजह 60 के एथेनाल से ग्रीन हाइड्रोजन बनेगी तो लागत में भी काफी कमी आएगी। गडकरी ने कहा कि देश की लॉजिस्टिक लागत 16 प्रतिशत है, जबकि चीन की सिर्फ प्रतिशत। इसे देखते हुए हम हाईवे बना रहे हैं दिल्ली-जयपुर मार्ग पर काम भी शुरू हो गया है।
…तो समय हमें एक कदम पीछे धकेल देगा: सीएम योगी
भारत के विकास में इंफ्रास्ट्रक्चर की भूमिका में एक सीईओ की तरह आप भारत सरकार के सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्री श्री @nitin_gadkari जी को देख सकते हैं।
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सत्र को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अगर हम समाज से एक कदम आगे चलने की स्थिति में नहीं होंगे तो समय हमें एक कदम पीछे धकेल देगा। ऐसे ही ई-मोबिलिटी और उसके भविष्य में क्या संभावनाएं है, हमें उसे लेकर आगे बढ़कर सोचना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश के विकास में इंफ्रास्ट्रक्चर क्या भूमिका निभाता है, उसकी तस्वीर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिछले कई वर्ष के कार्यकाल में देखने को मिली है। सीएम योगी ने कहा कि आज देश और प्रदेश में जो इन्फ्रास्ट्रक्चर देखने को मिलता है, उसे बढ़ाने में नितिन गडकरी का अहम योगदान रहा है। आज देश का पहला 12 लेन एक्सप्रेस-वे दिल्ली से मेरठ के बीच शुरू हो चुका है। अब मेरठ की दूरी महज 45 मिनट में तय किया जा सकती है। आज प्रदेश में पहला वाटर वे हल्दिया से वाराणसी शुरू हो चुका है। हाल ही में वाराणसी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया का सबसे बड़ा रिवर क्रूज शुरू किया गया।
इलेक्ट्रिकल व्हीकल की व्यवस्था को आगे बढ़ाना होगा
देश का पहला 12 लेन का एक्सप्रेसवे यूपी में दिल्ली से मेरठ के बीच में है। पहले दिल्ली से मेरठ की यात्रा में 4 घंटे लगते थे, आज 45 मिनट में आप ये दूरी तय कर सकते हैं।
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सीएम ने कहा कि देश में सबसे अधिक इलेक्ट्रिकल व्हीकल उत्तर प्रदेश में है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिकल व्हीकल पॉलिसी लाकर इस फील्ड की व्यापक संभावनाओं को आगे बढ़ाया है। हम चार्जिंग स्टेशन स्थापित कराएं, इसे लेकर अभी से हमारी प्लानिंग होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वाकई पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाना है तो इलेक्ट्रिकल व्हीकल की व्यवस्था को आगे बढ़ाना होगा। राज्य और केंद्र सरकार इस दिशा में नए स्टार्ट अप को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है, ताकि इन संभावनाओं को गति मिल सके। इलेक्ट्रिक व्हीकल की दिशा में जो भी व्यापक संभावनाएं हैं, हमें उसे लेकर कदम बढ़ाने पड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री और सीएम योगी ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन
सत्र को संबोधित करने से पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के कार्यक्रम में प्रदर्शनी का अवलोकन किया। सत्र में प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, सियाम के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रशांत कुमार बनर्जी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ग्रुप के चेयरमैन सुशांत नायक, कोसिस ग्रुप के सीईओ राम तुमुलुरी, नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरम अय्यर, प्रमुख सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वर लू मौजूद रहे।