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    लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (UP Panchayat Elections) के मद्देनजर बृहस्‍पतिवार से मंडल (ब्‍लॉक) स्‍तरीय बैठकों के जरिये अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं और इन बैठकों का सिलसिला तीन फरवरी तक जारी रहेगा।भाजपा के प्रदेश उपाध्‍यक्ष और पंचायत चुनाव के लिए संगठन के प्रभारी बनाए गए विधान परिषद सदस्‍य विजय बहादुर पाठक ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पंचायत चुनाव की तैयारी के लिए तीन फरवरी तक मंडल स्‍तरीय बैठकों का सिलसिला चलेगा और प्रदेश के सभी 1,600 संगठनात्‍मक ग्रामीण मंडलों में ये बैठकें आयोजित होंगी।

    उन्होंने बताया कि पार्टी इन बैठकों के जरिये पंचायत चुनाव की रणनीति को आम कार्यकर्ताओं तक पहुंचाएगी।भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष स्‍वतंत्र देव सिंह ने सहारनपुर जिले के हरि कॉलेज गांगलहेड़ी में बृहस्‍पतिवार को आयोजित मंडल बैठक में शामिल होकर यह अभियान शुरू किया।राज्‍य में विपक्षी समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी समेत लगभग सभी राजनीतिक दलों ने पंचायत चुनाव में सक्रिय भागीदारी का एलान किया है, लेकिन भाजपा नेताओं ने बैठकों और दौरों की शुरुआत भी कर दी है।पिछले हफ़्ते उत्‍तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर आये भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जे पी नड्डा और संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने कई सत्रों में चली बैठकों में पंचायत चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया और संगठन से लेकर सरकार तक, सभी प्रमुख लोगों की जिम्‍मेदारी और जवाबदेही तय की।उल्‍लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीख अभी तय नहीं हुई है और न ही सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हुई है, लेकिन भाजपा ने इस चुनाव के लिए ग्राम सभा स्तर तक अपना संगठनात्‍मक ढांचा बना दिया है। 

    पाठक के मुताबिक, प्रदेश के सभी 75 जिलों में 3,051 जिला पंचायत वार्ड हैं और हर वार्ड में पार्टी की ओर से एक संयोजक की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा सभी 826 ब्लॉकों में भी भाजपा के संयोजक बनाए गए हैं। पाठक के अनुसार, राज्य की 58,194 ग्राम सभाओं में भी भाजपा ने संयोजकों की तैनाती की है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि राज्‍य में निकट भविष्‍य में होने वाला पंचायत चुनाव 2022 के विधानसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास होगा। उत्तर प्रदेश में अगर समय पर पंचायत चुनाव होता, तो 25 दिसंबर से पहले सभी ग्राम सभाओं में नए ग्राम प्रधान चुन लिए गए होते, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते यह चुनाव प्रभावित हुआ और इसमें देरी हो गई। अब मतदाता सूची जारी कर दी गई है।भाजपा पंचायत चुनाव में किन पदों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, इसे लेकर असमंजस बना हुआ है। इस संदर्भ में पाठक ने बताया कि जिला पंचायत सदस्यों के सभी पदों पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत के सदस्यों के पद पर अभी फैसला नहीं हुआ है और यह बाद में तय किया जाएगा कि पार्टी इन पदों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी या नहीं।

    उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव पार्टी के चुनाव चिह्नों पर नहीं लड़े जाते, लेकिन राजनीतिक दल जिला पंचायत सदस्यों के उम्मीदवारों को खुला समर्थन देकर मैदान में उतारते हैं और जिला पंचायत सदस्य ही जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। इसके अलावा क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित किए जाते हैं। ब्लाक प्रमुखों का कार्यकाल 17 मार्च को समाप्त होना है, जबकि जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल 13 जनवरी को ही समाप्त हो गया है।  नड्डा ने लखनऊ प्रवास के दौरान पंचायत चुनाव में अपनी पार्टी की मजबूत भागीदारी के लिए बूथ कमेटियों से भी नीचे पन्ना समिति गठित करने के निर्देश दिए।

    पाठक ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची जारी कर दी है और अब मतदाता सूची के हिसाब से पन्ना समिति के गठन पर कार्य शुरू होगा। इसके लिए ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत स्तर पर संयोजक बनाए गए कार्यकर्ताओं से निरंतर संवाद चल रहा है।भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष सिंह ने बृहस्पतिवार को सहारनपुर के सम्‍मेलन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘प्रत्येक बूथ एवं शक्ति केंद्र (सेक्टर) की अभेद्य मजबूती के लिए हमें काम करना है। भारतीय जनता पार्टी सर्वसमावेशी राजनीतिक दल है, जिसमें सबका साथ-सबका विकास एवं सबके विश्वास के साथ प्रत्येक समाज एवं प्रत्येक वर्ग को समुचित सम्मान दिया जाता है। पार्टी पूरी ताकत से पंचायत चुनाव लड़ेगी और सभी प्रत्याशियों को जिताने के लिए संगठन का प्रत्येक कार्यकर्ता जी-जान से चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट जाएं।”