Unified Disease Surveillance Portal
Unified Disease Surveillance Portal

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  • यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल के माध्यम से निजी, सरकारी चिकित्सालयों व प्रयोगशालाओं की हो रही मॉनिटरिंग
  • प्रदेश के सभी जिलों में संचारी रोगों की स्थिति को जानकर उस पर लगाम लगाने में मिलेगी मदद
  • प्रदेश में मच्छर जनित रोगों में मृत्यु दर को न्यूनतम रखने में मिली सफलता
  • डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व एन्सिफेलाइटिस की रोकथाम के लिए भी एक्शन मोड में है सरकार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में संचारी रोगों (Communicable Diseases) की रोकथाम और आम जनता तक उच्चतम स्वास्थ्य निदान पहुंचाने के लिए संकल्पित योगी सरकार (Yogi government) ने यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल (Unified Disease Surveillance Portal) के माध्यम से बड़ी सफलता प्राप्त की है। प्रदेश में मच्छर जनित संचारी रोगों के नियंत्रण और विशेषकर मृत्यु दर को न्यूनतम रखने के लिहाज से यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल बेहद सकारात्मक भूमिका का निर्वहन कर रही है। 15 मई 2023 को प्रदेश में लागू हुई यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल व्यवस्था में मूलतः सभी जिलों के निजी, सरकारी चिकित्सालयों व प्रयोगशालाओं के आंकड़ों का संकलन व रेगुलर अपडेट होता है। इससे किसी भी रोग के विषय में संबंधित जिले की स्थिति और प्रसार का सही आकलन हो पाना सक्षम हुआ। यही कारण है कि प्रदेश में मच्छर जनित संचारी रोगों में पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है। इतना ही नहीं, काला ज्वर के अतिरिक्त अब तक सभी मच्छर जनित बीमारियों में मृत्युदर को भी न्यूनतम रखने में प्रदेश सरकार को सफलता मिली है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, वर्तमान में एक्यूट एन्सिफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस), जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई), काला ज्वर, डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए भी प्रदेश सरकार यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल के माध्यम से लगातार इन बीमारियों के प्रदेश में प्रसार पर नजर रखे हुए है और आउटब्रेक रीजंस में त्वरित कार्रवाई के जरिए रोकथाम सुनिश्चित कर रही है।

9 महीने के आंकलन में बेहतर रहे परिणाम
प्रदेश में 1 जनवरी से 7 सितंबर 2022 की समयावधि की अगर 1 जनवरी से 7 सितंबर 2023 के साथ तुलना करें तो पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अब तक योगी सरकार मच्छर जनित संचारी रोगों को मृत्युदर को काफी हद तक रोकने में सफल रही है। काला ज्वर के अतिरिक्त सभी मच्छर जनित संचारी रोगों में मृत्युदर न के बराबर रही है। सीएम योगी के समक्ष प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 7 सितंबर के मध्य एक्यूट एन्सिफेलाइटिस सिंड्रोम के कुल 478 मामले सामने आए जिनमें 2 की मृत्यु हो गई वहीं मृत्यु दर 0.42 प्रतिशत रही। वहीं, वर्ष 2022 में 1 जनवरी से 7 सितंबर के मध्य इस बीमारी के कुल 496 केस सामने आए थे जिनमें से 12 की मृत्यु हो गई व मृत्यु दर 2.42 प्रतिशत रही। इसी प्रकार जापानी एनसिफेलाइटिस के मामले वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 7 सितंबर के मध्य कुल 30 रहे जिसमें एक भी मृत्यु नहीं हुई और मृत्यु दर भी शून्य रही। वहीं, वर्ष 2022 में इसी समय अवधि के दौरान जापानी एनसिफेलाइटिस के कुल 38 मामले सामने आए जिसमें एक मृत्यु के साथ मृत्युदर 2.63 प्रतिशत रही। इसी प्रकार काला जार के वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 7 सितंबर के मध्य 8 मामले सामने आए जिनमें 1 मृत्यु के साथ मृत्युदर 12.50 रही। वहीं, पिछले वर्ष इसी समय अवधि के दौरान काला ज्वर के 16 मामले सामने आए थे जिसमें एक भी मृत्यु नहीं हुई और मृत्यु दर शून्य रही।      


 
डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों में मृत्यु दर रही कम
प्रदेश में वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 7 सितंबर के मध्य डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया आउटब्रेक्स को भी कंट्रोल करने में अब तक काफी सफलता मिली है। वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 7 सितंबर के मध्य डेंगू के 3498 केस सामने आए हैं जिसमें 5 लोगों की मृत्यु हुई व मृत्यु दर 0.14 प्रतिशत रही। वहीं, पिछले वर्ष की इस समय अवधि में 936 मामले सामने आए थे जिसमें 3 लोगों की मृत्यु हो गई थी और मृत्यु दर 0.32 प्रतिशत रही। इसी प्रकार एक जनवरी से एक सितंबर के मध्य इस वर्ष अब 169 मामले सामने आए हैं। वहीं, इसी समयावधि के दौरान पिछले वर्ष कुल 32 मामले सामने आए थे। दोनों ही वर्षों में कोई मृत्यु नहीं हुई इसलिए मृत्यु दर शून्य रही। वहीं, वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 7 सितंबर के मध्य मलेरिया के 4598 मामले सामने आए हैं। जबकि उसी समयावधि के दौरान पिछले वर्ष 2149 मामले सामने आए थे। दोनों ही वर्षों में कोई मृत्यु नहीं हुई इसलिए मृत्यु दर शून्य रही। फिलहाल, डेंगू और मलेरिया के केसेस में इजाफा इसलिए भी दिख रहा है क्योंकि हर एक आंकड़े यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल पर अपलोड हो रहे हैं।

पोर्टल से मॉनिटरिंग, आउटब्रेक के खिलाफ अलर्ट मोड
प्रदेश में मच्छर जनित संचारी रोगों के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए पोर्टल के माध्यम से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। 7 सितंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, गौतम बुद्ध नगर में 403, गाजियाबाद में 319, कानपुर नगर में 225, मेरठ में 175, लखनऊ में 151 व मुरादाबाद में 137 मामले सामने आए हैं। वहीं, संभल और बुलंदशहर में डेंगू रोग का आउटब्रेक सूचित हुआ है जिससे इस रीजन समेत पूरे प्रदेश में विशेष एहतियात जारी किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 15 मई को यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल को प्रदेश में लागू किया गया है और तब से प्रदेश सरकार ने 21 जुलाई तक 30742 चिकित्सालयों व प्रयोगशालाओं, 1890 निजी चिकित्सालयों व प्रयोगशालाओं व कुल 1.8 लाख प्रयोगशाला जांच का आंकलन करके संचारी रोगों की रोकथाम सुनिश्चित कर रही है। प्रदेश सरकार संचारी रोगों को तीन चरण (पहला चरणः अप्रैल, दूसरा चरणः जुलाई व तीसरा चरणः अक्टूबर में प्रस्तावित) के तहत 75 जिलों में डेंगू जांच की सुविधा सुनिश्चित कर चुकी है। इलाज के लिए औषधियां, आईवी फ्लूड्स, ओआरएस व अस्पतालों में समुचित बेड उपलब्धता को सुनिश्चित करने, राज्य स्तर पर 5 बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों से संवाद करने के अतिरिक्त फ्रंट लाइन वर्कर्स के प्रशिक्षण देने, 320 मलेरिया निरीक्षकों की प्रशिक्षण प्रक्रिया और 134 चिकित्सा अधिकारियों को डेंगू रोग के नवीनतम प्रोटोकॉल के विषय में प्रशिक्षित करके प्रदेश सरकार संचारी बीमारियों की रोकथाम सुनिश्चित कर रही है।