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    लखनऊ: मंजिलें लाख कठिन आएं, गुजर जाऊंगा। हौंसले हार के बैठूंगा तो मर जाऊंगा।। लाख रोकें ये अंधेरे, मेरा रास्ता लेकिन। मैं जिधर जाऊंगा रोशनी ले जाऊंगा… इन पंक्तियों के साथ वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) ने मेडिकल सेक्टर (Medical Sector) का बजट पेश करते हुए कहा कि कोविड महामारी के दौरान सीएम योगी (CM Yogi) के मार्गदर्शन और जनता के सहयोग से प्रदेश इस कठिन काल खंड से बाहर आया। साथ ही उन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तेज गति से स्वास्थ्य सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर नई दिशा दी गई, जिसकी चारो ओर सराहना भी की गई है। 

    योगी सरकार प्रदेश में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में मेडिकल क्षेत्र को भारी भरकम 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक का बजट जारी किया गया है, जिसमें चिकित्सा और स्वास्थ्य के लिए कुल 17 हजार 3 सौ 25 करोड़ रुपए और चिकित्सा शिक्षा के लिए 2 हजार 8 सौ 37 करोड़ 39 लाख रुपए की धनराशि जारी की गई है।      

    राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को सबसे अधिक 12,631 करोड़ रुपए की धनराशि जारी  

    वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि योगी सरकार का प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने पर खासा फोकस रहता है। ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के लिए सबसे अधिक 12 हजार 6 सौ 31 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है ताकि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके। इसी तरह प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 1,655 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। 

    1,547 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था

    प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के तहत प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में हेल्थ वेलनेस सेन्टर, क्रिटिकल केयर यूनिट, शहरों में इन्ट्रीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब की स्थापना, नेशनल सेन्टर फॉर डिजीजेज कन्ट्रोल के सुदृढ़ीकरण, हेल्थ इंफॉरमेशन के विस्तार के लिए पोर्टल की स्थापना, इमजरजेंसी आपरेशन सेन्टर और मोबाइल यूनिट हॉस्पिटल की स्थापना आदि कार्यों के लिए 1,547 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था की गई है। 

    14 नए मेडिकल कॉलेज के लिए दिए 2,491 करोड़ 39 लाख रुपए

    योगी सरकार ने अपने बजट में चिकित्सा शिक्षा को भी विशेष महत्व दिया है। योगी सरकार ने प्रदेश में एक जिला एक मेडिकल कॉलेज की योजना को और रफ्तार देने के लिए 14 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और संचालन के लिए 2,491 करोड़ 39 लाख रुपए की व्यवस्था की गयी है। गौरतलब है कि प्रदेश के 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं, जबकि 14 जनपदों में मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। वहीं 16 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना पीपीपी मॉडल पर की जा रही है। 14 मंडलीय कार्यालयों और प्रयोगशालाओं भवन निर्माण, मशीनों तथा उपकरणों के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।

    प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 400 करोड़ रुपए की धनराशि जारी

    बजट में आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 400 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है। भारत सरकार द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को क्रमबद्ध तरीके से क्रियाशील हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर्स में परिवर्तित किया जा रहा है। ऐसे में कन्वर्जन ऑफ रूरल सब हेल्थ सेन्टर्स एंड पीएचसी टू हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर्स के लिए 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप लगभग 407 करोड़ रुपए का व्यय किया जाएगा।

    प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को मिले 320 करोड़ रुपए

    वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 320 करोड़ रुपए, आयुष्मान भारत के तहत मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के लिए 250 करोड़ रुपए,  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उपकरण खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की है। वहीं प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के कायाकल्प के लिए 15 करोड़ रुपए दिये हैं। असाध्य रोगों के इलाज के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेण्ट की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिए 26 करोड़ दिए गए हैं।