अब हेलमेट में टेक्नोलॉजी की एंट्री हो गई है जो न केवल चालक के सिर का ख्याल रखती है बल्कि सफर को भी आराम दायक बनाती है. ऐसे ही एक नाका डक्ट एयरफ्लो टेक्नोलॉजी जो आजकल के हेलमेट में देखने को मिल रही है. नाका डक्ट एयरफ्लो तकनीक विशेषतौर पर रेसिंग कारों और विमानों में प्रयुक्त होने वाले हेलमेटों जैसी है. एसए-1 एरोनॉटिक्स मैट एस रेड हेलमेट इसका उदाहरण है जिसमें इस तकनीक का अनोखा प्रयोग किया गया है. इसके इंटीरियर को आसानी धोया भी जा सकता है और बदला भी जा सकता है।
शील्ड पर डबल नाका इनलेट लगा होने से हेलमेट के भीतर काफी अच्छी तरह हवा का प्रवेश होता है जिससे हेलमेट का भीतरी भाग तरोजाता और नमी मुक्त रहता है। हेलमेट के पीछे की तरफ लगे नाका इनलेट के बारे में बात की जाए तो इससे भीतर आने वाली हवा की तीव्रता से निकासी होती रहती है। इसका सुव्यवस्थित डिजाइन एयर ड्रैग को कम करता है, इसलिए दक्षता में वृद्धि होती है।
स्टीलबर्ड का एसए-1 एरोनॉटिक्स हेलमेट इरिडियम कोटेड, नाइट विजन, स्मोक वाइजर, विशेष रूप से फोटो क्रोमैटिक वाइजर की एक श्रृंखला है। संख्या की दृष्टि से देखा जाए तो इस हेलमेट में 10 प्रकार के वाइजर हैं। यह नया स्टाइलिश हैलमेट निश्चित तौर पर इस टेक्नोलॉजी के साथ चालक का सिर ठंडा रखता और इस बात की सुनिश्चिता प्रदान करेगा कि चालक के सिर पर अधिक पसीना नहीं हो।
बिना हेलमेट लगाए बाइक नहीं होगी स्टार्ट
पिछले दिनों बिहार के इंजीनियरिंग छात्रों ने बाइक सवारों के लिए अनोखा डिवाइस तैयार किया है। इस डिवाइस को ‘नो हेलमेट, नो राइड’ की अवधारणा पर तैयार किया गया है। इसके प्रयोग से बिना हेलमेट लगाए बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी। इसके लिए विशेष सर्किट डिजाइन किया गया है। जिसके तहत हेलमेट में एक ट्रांसमीटर, जबकि बाइक के आंतरिक पार्ट में रिसीवर लगा होगा।
बाइक में चाबी लगाने के बाद गाड़ी आन तो होगी, किंतु स्टार्ट करने के लिए हेलमेट पहनने के बाद उसका क्लिप लगाना अनिवार्य होगा। तभी हेलमेट में लगा ट्रांसमीटर ऑन होकर बाइक में लगे रिसीवर सर्किट को सिग्नल देगा। इसके बाद ही सर्किट बाइक में लगे सिस्टम से आपरेट होगा। इसका दायरा 100 मीटर तक का होगा। इसी दायरे में डिवाइस काम करेगा। रेडियो फ्रिक्वेंसी पर सारा सिस्टम काम करेगा। यदि कोई व्यक्ति अपनी बाइक लगाकर निकल जाता है तो चोर बाइक को बिना हेलमेट स्टार्ट ही नहीं कर सकेगा। ऐसे में चोरी पर भी लगाम लग सकता है।