नवभारत डिजिटल टीम: हर किसी के लिए जहां पर इंटरनेट (Internet) एक जरूरत बन गया है वहीं हर कोई इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है। ऐसे में दुनिया में इंटरनेट को बढ़ावा देने के लिए फरवरी में हर साल की तरह आज यानि 6 फरवरी को सुरक्षित इंटरनेट दिवस (Safer Internet Day) मनाया जाता है। लेकिन इंटरनेट को लेकर भलें ही लोग सजग है लेकिन बच्चों (Internet effect On Childern) पर इसका असर अच्छा और खराब देखने के लिए मिलता है।
क्यों मनाया जाता है सुरक्षित इंटरनेट दिवस
इस सुरक्षित इंटरनेट दिवस को फरवरी के दूसरे सप्ताह में दूसरे दिन मनाने की पहल है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हर किसी के लिए बेहतर और सुरक्षित इंटरनेट का अनुभव प्रदान करने से संबंध रखता है। इतना ही नहीं इस दिवस को मनाने की पहल विश्वव्यापी प्रयास के तौर पर होती है जिसमेंऑनलाइन आचरण को बढ़ावा देने और ऑनलाइन सुरक्षा चिंताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 160 से अधिक देशों के लोगों, परिवारों, शैक्षणिक संस्थानों, निगमों और संगठन काम करते है।
क्या बच्चों के लिए इंटरनेट नहीं है सुरक्षित
यहां पर बच्चों हो या हर किसी वर्ग के लिए इंटरनेट को सुरक्षित बनाने की पहल की जाती है। लेकिन बच्चों के लिए इंटरनेट, सुरक्षित होने के साथ ही असुरक्षित माहौल भी पैदा करता है। रिपोर्ट में कहा गया कि, इंटरनेट के संपर्क में रहने वाले 85 प्रतिशत बच्चें साइबर बुलिंग का शिकार हुए है। बच्चें अक्सर ऐसे कोई गेम खेलते है जिससे बच्चों के साथ साइबर बुलिंग की जाती रही है। इसे लेकर स्कूल और अभिभावकों को सचेत किया गया कि, वे बच्चों को इंटरनेट के प्रति जागरूक करें उन्हें ये बताए कि, इंटरनेट के प्रोटोकॉल है जिनका पालन करना जरूरी है।
सुरक्षित इंटरनेट दिवस का महत्व
यहां पर बात करें, इंटरनेट को बेहतर तरीके से दिखाने के लिए सुरक्षित इंटरनेट दिवस मनाया जाता है। यह पहल एक जरूरी पहल है जिसकी जानकारी हर किसी व्यक्ति को होनी चाहिए। इसे लेकर व्यक्ति, परिवार, संगठन, स्कूल और व्यवसाय को एक साथ मिलकर क्षमता बनानी है। एक सुरक्षित और बेहतर ऑनलाइन वातावरण बनाने के लिए, “बेहतर इंटरनेट के लिए एक साथ” विषय समूह कार्रवाई की आवश्यकता बनाता है।