Online Trading Scam

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नवभारत डिजिटल टीम: डिजिटलाइजेशन की लहर ने निश्चित रूप से समय के साथ बैंकिंग, लेनदेन और निवेश को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ कई तरह के जोखिम भी सामने आए हैं। धोखेबाजों को डिजिटल लेनदेन में धोखाधड़ी करने का मौका मिल जाता है और वे भोले-भाले लोगों को धोखा देने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं। ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी तब होती है, जब धोखेबाज़ व्यक्ति खुद को ब्रोकर बताता है और फिर किसी खास निवेश में ट्रेडिंग करने के लिए लोगों को गलत जानकारी देकर धोखे से फर्जी वेबसाइट पर ट्रेडिंग कराई जाती है। ऐसा निवेश स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, एसेट आदि के रूप में हो सकता है। धोखाधड़ी करने वाले लोग, अक्सर निवेशकों को बहुत कम या बिना किसी जोखिम के काफी ज्यादा मुनाफा देने का वादा करते हैं। उनका मकसद होता है कि आपके अंदर यह डर पैदा करना ए कि दूसरे लोग इस शानदार मौके से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं और आप इसे गंवा देंगे। 

धोखाधड़ी करने वाले ये लोग, आमतौर पर सोशल मीडिया और ऐसी वेबसाइटों के माध्यम से ऑनलाइन बाज़ार में अपना प्रचार करते हैं जो प्रामाणिक और अधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म या निवेश व्यवसायों की नकल करती हैं। इस प्रकार के धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले लोग अक्सर खुद को इस तरह पेश करते हैं कि वे स्थानीय या राष्ट्रीय वित्तीय कानूनों के अंतर्गत नहीं आते। वे आपके फंड की निकासी को रोक कर  और फर्जी टैक्स, फीस या अन्य शुल्क चुकाने की मांग करके, आपके साथ धोखाधड़ी करने की कोशिश कर सकते हैं।

फोनपे ऐप के अनुसार ज़्यादातर ट्रेडिंग घोटाले, सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप्लीकेशन के ज़रिए किए जाते हैं। यदि आपको अचानक से कोई कॉल आए या आप किसी ऐसे व्यक्ति से ऑनलाइन संपर्क में आते हैं और वह आपको कोई ट्रेडिंग वेबसाइट के बारे में बताता है जिसके बारे में आपने पहले कभी नहीं सुना है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि यह कोई धोखेबाज का बिछाया हुआ एक जाल हो सकता है। फर्जी ट्रेडिंग वेबसाइटों को भेजी गई रकम आपको कभी वापस नहीं मिलेगी, भले ही आपसे ऐसे वादे किए गए हों कि इसमें मुनाफा कमाना बहुत ही आसान और साथ ही इसमें कोई जोखिम भी नहीं है।

सोशल मीडिया और मैसेजिंग एप्लीकेशन पर अपने शिकार ढूंढने के अलावा, नीचे संकेत दिए गए हैं जिनसे पता चल सकता है कि यह कोई ट्रेडिंग धोखाधड़ी हो सकता है:

1. ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच 

धोखेबाजी करने वाले ब्रोकर बहुत कम निवेश में ज्यादा मुनाफा कमाने का लालच बार-बार देते हैं।

2. निवेश का पैसा निकालना असंभव

जैसे-जैसे मुनाफा बढ़ता है और निवेशक पैसे निकालने की सोचता है, तो बताई गई कमाई को निवेशक निकाल ही नहीं पाता। जब इस समस्या का हल पूछा जाता है, तो टैक्स और कमीशन के नाम पर बेकार के बहाने बनाए जाते हैं। समय के साथ, निवेश करने वाले व्यक्ति को एहसास हो जाता है कि किसी भी टैक्स और कमीशन से आपके पैसे निकल नहीं पाएंगे। इससे यह साबित होता है कि धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति के पैसे वापस करने का कोई इरादा नहीं है।

3. पैसे मांगना बंद नहीं करते धोखेबाज

शातिर धोखेबाज़ कभी भी पैसे मांगना बंद नहीं करते हैं, वे आपको अलग-अलग तर्क देते हैं और भविष्य में पैसे निकाल पाने के वादे करते रहते हैं ।

4.  पकड़ पाना है मुश्किल

धोखेबाज़ पकड़ में नहीं आते, वे हमेशा आपकी पहुंच से बाहर ही रहते हैं और आपसे एक बड़ी रकम वसूलने के बाद आपको जवाब देना बिलकुल बंद कर देते हैं।

तुरंत कार्रवाई करना जरूरी 

कुछ विशेष संकेतों पर ध्यान देकर, ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी की पहचान की जा सकती है। यदि आपको लगता है कि आप किसी ट्रेडिंग धोखाधड़ी का शिकार बन गए हैं, तो इससे होने वाले नुकसान को कम करने और भविष्य में इससे बचने के लिए तुरंत कार्रवाई करना ज़रूरी है। आप ऐसे धोखाधड़ी की रिपोर्ट फोन ऐप पर या अपने नज़दीकी साइबर क्राइम सेल में धोखाधड़ी की शिकायतों को रिपोर्ट कर सकते हैं.इसके अलावा cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या फिर 1930 पर साइबर क्राइम सेल हेल्पलाइन से भी संपर्क कर सकते हैं।