ज्ञान की बात: क्या आपको पता है गाड़ी में बैठते ही क्यों आती है नींद? ये है इसके पीछे का विज्ञान

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    नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि जिस सफर को लेकर हम बहुत ज्यादा एक्साइटेड होते है, उस सफर के दौरान एन्जॉय करने के बजाय हमें गाड़ी में नींद क्यों आती है? शायद कभी आपने इस बात पर गौर नहीं किया होगा लेकिन सफर के दौरान नींद सबको आती है। आज हम इससे जुड़ी जानकारी आपको देने जा रहे है। आखिर सफर के दौरान गाड़ी में नींद क्यों आती है इस सवाल का जवाब आज हम आपको देने जा रहे है। आइए जानते है…. 

    इस वजह से आती है नींद 

    आपको बता दें कि इसे लेकर एक रिसर्च की गई है और इसमें कई बातें सामने आई हैं। इस रिसर्च में  स्‍पीप डेब्‍ट, बोरियत और हाइवे हिप्नोसिस (Highway Hypnosis) को गाड़ी में नींद आने की वजह बताया गया है। इसके आलावा भी कई कारण है। 

    नींद आने की बड़ी वजह… 

    जैसे आप अगर कहीं जाने वाले होते हैं तो इससे पहले ढेर सारी तैयारी करते होंगे।  इसके अलावा आपके दिमाग में ये बातें चलती रहती हैं कि कहीं कोई चीज छूट न जाए। इस चक्कर में आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। इसे ही स्‍लीप डेब्‍ट (Sleep Debt) कहा जाता है। यही सफर के दौरान नींद की सबसे बड़ी वजह बनती है। 

    यह भी है एक कारण 

    किये गए इस रिसर्च के अनुसार, चलती गाड़ी में लोगों को तभी नींद आती है। जब वह कुछ कर नहीं रहे होते हैं। इस दौरान दिमाग और शरीर रिलैक्स की स्थिति में पहुंच जाता है। इसलिए सफर के दौरान लोगों को नींद आने लगती है।  इस स्थिति को हाईवे हिप्नोसिस कहते हैं। 

    रिसर्च कहता है कि… 

    रिसर्च कहता है कि चलती गाड़ी में होने वाला मूवमेंट भी सफर के दौरान नींद लाने का काम करता है। इस दौरान आपकी बॉडी ठीक वैसे ही काम करती है, जैसे बचपन में मम्मी बच्चे को सुलाने के लिए गोद में लेकर हिलाती-डुलाती है। विज्ञान की भाषा में इसे रॉकिंग सेंसेशन (Rocking Sensation) कहते हैं। और इस अस्वथा में आपको गाड़ी  नींद आती है। 

    आप जब एक ही फ्लो में हिलते हैं तो उसे रॉकिंग सेंसेशन कहा जाता है।  इससे दिमाग पर सिंक्रोनाइजिंग इफेक्ट पड़ता है। जिससे आप स्लीपिंग मोड में चले जाते हैं। इसे स्लो रॉकिंग भी कहते हैं। इन सभी कारणों की वजह से आपको सफर के दौरान गाड़ी में नींद आती है।