abhijeet bangar

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    नवी मुंबई. विगत एक सप्ताह से नवी मुंबई महानगरपालिका (Navi Mumbai Municipal Corporation) के क्षेत्र में कोरोना के मरीजों (Corona Patients) की संख्या काफी बढ़ने लगी है। जिसके चलते कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू बेड्स (ICU Beds) और वेंटिलेटर्स (Ventilators) मिलने में दिक्कत पैदा होने लगी है। इस समस्या को दूर करने के लिए महानगरपालिका कमिश्नर (Municipal Commissioner)ने मनपा क्षेत्र की सभी निजी अस्पतालों (Private Hospitals) में 80 प्रतिशत बेडस कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित (Reserved) रखने का आदेश दिया है। जिसकी निगरानी मनपा के नोडल अधिकारी के द्वारा की जाएगी।

    निजी अस्पतालों में आरक्षित बेडस के बारे में मनपा कमिश्नर अभिजीत बांगर ने मनपा क्षेत्र की सभी निजी अस्पतालों को अवगत कराया है कि अस्पताल की कुल बेडस में से 80 प्रतिशत बेडस का नियंत्रण मनपा के पास रहेगा। जिसकी जानकारी मनपा की हेल्पलाइन पर उपलब्ध रहेगी। अपने उक्त आदेश में मनपा कमिश्नर ने सभी निजी अस्पतालों को बेडस की जानकारी देने के लिए अस्पताल के बाहर फलक लगाने के लिए कहा है। जिसपर 80 प्रतिशत मनपा की नियंत्रण वाली और 20 प्रतिशत अस्पताल के अधिन वाली बेडस की जानकारी देना अनिवार्य किया गया है।

    बेवजह बेडस पर पड़े रहते हैं कुछ लोग

    गौरतलब है कि निजी अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव नहीं होने के बावजूद कुछ लोग आईसीयू की बेड पर बेवजह पड़े रहते है। इसकी तहत कुछ लोग गंभीर बीमारी नहीं होने पर भी इस तरह की बेड़ पर उपचार कराते रहते हैं। जिसकी वजह से कोरोना के गंभीर मरीजों को आईसीयू बेड नहीं मिल पाती है। अब बेवजह आईसीयू बेड पर बने रहने वालों को साधारण बेडस पर शिफ्ट कर के उपचार सेवाएं दी जाएं। ऐसा निर्देश भी मनपा कमिश्नर ने निजी अस्पतालों को जारी किया है। इसके साथ ही कोरोनो के मरीजों का सरकार के द्वारा तय किए गए शुल्क के हिसाब से उपचार करने का निर्देश भी उन्होंने निजी अस्पतालों को दिया है।