कन्स्ट्रक्शन कारोबार पर लॉकडाउन का ग्रहण

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प्रवासी मजदूरों ने बढ़ाई मुसीबत

नवी मुंबई. लॉकडाउन के कारण ठप्प हुए कन्स्ट्रक्शन कारोबार पर अब प्रवासी मजदूरों का ग्रहण लग गया है. हालत ये है कि जमीन की खरीद और इमारतों के निर्माण में सब कुछ दांव पर लगा कर बैठे बिल्डरों के लिए नयी मुसीबत ने घेर लिया है. बिल्डरों को फिलहाल कन्स्ट्रक्शन शुरू करने की परमिशन मिल गयी है लेकिन मजदूरों के पलायन के कारण काम कौन करेगा.जाहिर है कन्स्ट्रक्शन में काम करने वाले 80 फीसदी मजदूर यूपी, बिहार एवं पश्चिम बंगाल के हैं ऐसे में उनकी अनुपस्थिति निर्माण कार्य में बड़ी बाधा बन रही है.

स्थानीय लोग काम करने को तैयार नहीं

उल्वे के एक बिल्डर दिलीप मिश्रा ने बताया कि उनकी तीन इमारतें लॉकडाउन के चलते रुक गयी हैं.जीएसटी और नोटबंदी से उबरने के बाद जब किसी तरह कामकाज लाईन पर आ रहा था तब लॉकडाउन से सब कुछ चौपट हो गया है. दिलीप मिश्रा ने बताया कि अब  जब किसी तरह कन्स्ट्रक्शन कम्पलीट करने की मंजूरी मिल रही है तब मजदूरों का टोटा हो गया है. स्थानीय मजदूर कन्स्ट्रक्शन साईटों पर काम करने को तैयार नहीं हैं. जो मजदूर मिल रहे हैं वे कंगाली के इस दौर में तीन गुना मजदूरी मांग रहे हैं. आखिर इस  तरह कारोबार कैसे चलेगा.