महासभा में पानी की किल्लत का मुद्दा गरमाया

  • स्मार्ट सिटी पर खर्च करने के बजाय पानी की समस्या को करें दूर

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ठाणे. मनपा की महासभा में शहर में बढ़ रही पानी की किल्लत को लेकर सभी नगरसेवक एक जुट होते हुए जलापूर्ति विभाग को आड़े हाथों लेते हुए पानी की समस्या को तत्काल दूर करने की मांग की. इस दौरान विपक्षी दल की नेता प्रमिला मुकुंद केणी ने सर्वप्रथम इस मुद्दे को उठाते हुए प्रशासन से मांग की कि शहर में स्मार्ट सिटी प्रकल्पों पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बजाय शहर की पानी की समस्या दूर की जाए. क्योंकि पानी प्रत्येक व्यक्ति लिए महत्वपूर्ण हैं. प्रमिला केणी ने कहा कि कोविड जैसे महामारी 

के दौरान कलवा, मुंब्रा, दिवा, घोडबंदर परिसर, वागले इस्टेट, लोकमान्य नगर ऐसा कोई भी इलाका नहीं बचा है. जहां पर पानी की कमी का सामना नहीं कर रहे हैं. सभी जगहों पर पानी से रहिवासी जूझ रहे हैं, लेकिन मनपा जलापूर्ति विभाग के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. केणी ने कहा कि कलवा, मुंब्रा और दिवा में एमआईडीसी द्वारा पानी की पूर्ति की जाती है, लेकिन यहां पर 41 एमएलडी के बजाय सिर्फ 30 एमएलडी पानी की आपूर्ति ही वर्तमान समय की जा रही है.

साथ ही उन्होंने मनपा आयुक्त डॉ. विपिन शर्मा से भी गुजारिश की कि वे शहर की स्वच्छता को लेकर अच्छा कार्य कर रहे हैं और प्रभाग समिति निहाय दौरा कर जायजा भी ले रहे हैं. परंतु इन सभी के बीच उन्हें शहर में बढ़ रहे पानी की किल्लत को लेकर सकारात्मक कदम उठाना चाहिए. वहीं राकां नगरसेवक सिराज डोंगरे ने भी पानी की समस्या को लेकर हैरानी जताया और कहा कि इस वर्ष अच्छी बरसात होने के बावजूद लोग पानी की कमी का सामना कर रहे हैं. डोंगरे ने कहा कि मनपा ने उच्च न्यायालय में शहर वासियों को जरूरत के हिसाब से पानी पूर्ति किये जाने को लेकर एफिडेविट दिया हैं, लेकिन यहां मुंब्रा सहित शहर वासियों को किल्लत झेलना पड़ रहा हैं.

कोपरी परिसर में कम पानी छोड़े जाने को लेकर नगरसेविका मालती रमाकांत पाटिल ने भी आपत्ति जताते और पूरे दबाव में पानी छोड़ने की मांग की. जबकि दिवा के नगरसेवक पूर्व उपमहापौर रमाकांत मढ़वी ने  कहा कि दिवा में भी प्रतिदिन 10 एमएलडी कम पानी एमआईडीसी द्वारा छोड़ा जा रहा है जबकि मनपा पूरा पैसा अदा कर रही है इसकी जांच होनी चाहिए और दिवा वासियों को उनके हक का पूरी मात्रा में पानी मिलना चाहिए.

राकां नगरसेवक हणमंत जगदाले ने भी लोकमान्य नगर और आसपास के परिसरों में कम दबाव में छोड़े जा रहे पानी का मुद्दा उठाया और कहा कि  उक्त परिसरों में भी 10 एमएलडी कम पानी छोड़ा जा रहा है, रहिवासियों को पानी की कमी झेलनी पड़ रही हैं. जबकि शिवसेना नगरसेवक संजय भोईर ने मांग की कि पहले शहर में जो पुरानी इमारतें हैं उन इमारतों को पानी की जरूरत जे हिसाब से जलापूर्ति की जाए और फिर बाद में नए इमारतों को कनेक्शन दिया जाए. इन नगरसेवकों के अलावा अन्य नगरसेवकों ने भी उनके वार्ड में हो रही पानी की किल्लत को तत्काल दूर करने की मांग किए.

मरम्मत और शटडाउन के कारण पानी की आपूर्ति पर असर

नगरसेवकों के आक्रामकता को ध्यान में रखते हुए मनपा प्रशासन ने कम दबाव में पानी छोड़े जाने के आरोपों को स्वीकार करते हुए कहा कि पिछले तीन महीनों से पानी आपूर्ति किये जाने पाइप लाइन में रिसाव होने, वाल्व खराब, पंपिंग की समस्या आदि के कारण मरम्मत और देखभाल के कारण शट डाउन लिया जा रहा और कम दबाव में पानी संबधित प्राधिकरण द्वारा छोड़ा जा रहा हैं, जिसका असर शहर के पानी वितरण व्यवस्था पर पड़ रहा हैं.   

अतिरिक्त पानी आपूर्ति के लिए मनपा ने की है मांग

मनपा जलापूर्ति विभाग ने स्पष्ट किया कि उनकी तरफ से भातसा से 100 एमएलडी, एमआयडीसी से 50 एमएलडी और स्टेम प्राधिकरण से 10 एमएलडी अतिरिक्त पानी आपूर्ति की मांग किया गया हैं और बार-बार स्मरण पत्र भी दिया गया है, लेकिन संबधित प्राधिकरण द्वारा अब तक कोई रिप्लाई नहीं मिला है फिर भी प्रशासन की तरफ से प्रयास जारी हैं.