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मनपा शाला के कुल 262 शिक्षकों नोटिस 

भिवंडी. वैश्विक महामारी कोरोना नियंत्रण हेतु  घर-घर जाकर सर्वे न करने वाले प्राथमिक व माध्यमिक अनुदानित स्कूल सहित मनपा शाला के कुल 262 शिक्षकों को कार्य में लापरवाही किए जाने पर मनपा उपायुक्त (मुख्यालय) नूतन खाड़े ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया  है. स्वास्थ्य सर्वेक्षण आदेश का उल्लंघन करने वाले तमाम शिक्षकों की 2 साल की वेतन वृद्धि रोकने की चेतावनी देते हुए लिखित सफाई पेश करने को कहा है अन्यथा नियमों के तहत कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी है.

गौरतलब हो कि भिवंडी मनपा प्रशासन द्वारा 26 जून से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने संबंधी प्रतिबंधात्मक उपाय योजना के लिए शिक्षकों को भिवंडी मनपा क्षेत्र में घर- घर जाकर सर्वेक्षण करने के लिए निर्देश दिया था, बावजूद 262  शिक्षकों ने सर्वेक्षण में भाग नहीं लिया. शिक्षकों की मनमानी कार्यप्रणाली को गंभीरता से लेते हुए मनपा उपायुक्त (मुख्यालय) नूतन खाड़े ने संबंधित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जबाब तलब किया है व महाराष्ट्र नागरी सेवा अधिनियम 1979 की धारा 3 के तहत दोषी करार देते हुए महाराष्ट्र मनपा अधिनियम 1949 की धारा 56 (2) (ब) के मुताबिक 2 वर्ष की वेतन बढ़ोतरी रोकने की चेतावनी देते हुए तत्कालिक तौर पर 1 वर्ष की वेतन बढ़ोतरी तत्काल रोकने का आदेश दिया है. भिवंडी मनपा शिक्षा मंडल एवम माध्यमिक विभाग के सूत्रों के मुताबिक, भिवंडी मनपा क्षेत्र के तहत आने वाले सभी अनुदानित, निजी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल, मनपा शाला के शिक्षक और शिक्षिकाओं को जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर नहीं है और वे दिव्यांग अथवा गर्भवती नहीं है ऐसे तमाम शिक्षकों को कोव्हिड सर्वेक्षण में लगाया गया था. 

शिक्षकों में नाराजगी 

मनपा उपायुक्त (मुख्यालय) नूतन खाड़े ने उक्त संदर्भ में बताया कि नोटिस पाए कुछ शिक्षकों ने अपनी सफाई पेश की है और कुछ ने नहीं दिया है. जिन शिक्षकों ने लिखित तौर पर सफाई नहीं दी है उनका 1 साल का इंक्रीमेंट जरूर रुकेगा. स्वास्थ्य सर्वेक्षण पर मनपा द्वारा ड्यूटी लगाए जाने पर कई शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि लॉक डाउन में ही अधिसंख्य शिक्षक अपने अपने मूल गांव चले आए हैं.

मनपा प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य सर्वेक्षण की ड्यूटी जून माह में लगाई गई, जब शिक्षक नहीं है, तो ड्यूटी अंजाम दिया जाना कैसे संभव होगा ? मनपा प्रशासन सब कुछ जान समझ कर भी शिक्षकों को परेशान कर रही है. मनपा प्रशासन को मनपा सेवा कर्मियों से की स्वास्थ्य सर्वेक्षण की ड्यूटी करानी चाहिए. प्रशासन प्रशासन शिक्षणाधिकारी के भी पत्र पर  कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ठाणे शिक्षणाधिकारी  ने शिक्षकों से सर्वेक्षण न कराए जाने की मांग की है जिसे मनपा प्रशासन नजरअंदाज कर रहा है. सूत्रों की माने तो मनपा प्रशासन सिर्फ मनपा शालाओं में कार्यरत शिक्षकों की ही वेतन वृद्धि रोक सकता है उसे निजी स्कूलों के शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकने का कोई अधिकार नहीं है.