BJP will cross 325 even if all opposition unites, it will be the best election ever - Keshav Maurya

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    राजेश मिश्र

    लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां शुरु हो चुकी हैं। सत्तारुढ़ भाजपा के लिए पिछले विधानसभा चुनावों में विजय के नायक रहे तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष (State President) और वर्तमान सरकार में उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) आत्मविश्वास से भरपूर हैं। उनका मानना है कि यूपी का इस बार का विधानसभा चुनाव (Assembly Election) भाजपा के लिए सबसे अच्छा साबित होने जा रहा है।

    विधानसभा चुनाव की तैयारियों, विपक्ष की हालत से लेकर तमाम मुद्दों पर केशव प्रसाद मौर्य से नवभारत संवाददाता राजेश मिश्र ने बात की।

    यूपी में 2022 के चुनाव की सरगर्मी शुरू हो चुकी है और पिछले चुनावों में पिछड़ों की एकजुटता भाजपा की जीत का कारण बनी थी, इस बार की रणनीति क्या होगी ?  

    देखिये हमारी जो रणनीति 2014, 2017, 2019 के चुनावों में थी वही रणनीति हमारी 2022 में रहेगी। चाहे वह अगड़ा हो, चाहे पिछड़ा हो, चाहे अनुसूचित वर्ग का हो, चाहे वंचित वर्ग का हो, सभी लोग भाजपा के साथ पहले से ही थे अभी भी हैं। बल्कि, अब उसमें बढ़ोतरी ही हुई है। इसके कारण से हम यह मानते हैं कि 2022 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी का अब तक का सबसे अच्छा चुनाव होगा। वह इसलिए होगा की हम लोग यह मानते हैं कि 2022 के चुनाव से ही 2024 का रास्ता भी जाता है। और उत्तर प्रदेश के दिल में मोदी जी और मोदी जी के दिल में उत्तर प्रदेश और देश भी है।

    पिछले चुनाव में आपके नेतृत्व में पार्टी को ऐतिहासिक सफलता मिली थी और इसबार आप कई मर्तबा यह कह चुके हैं कि अबकी बार 300 के पार, तो क्या इसके लिए आपने कोई विशेष रणनीति तैयार की है?

    निश्चित तौर से पिछली बार हम 325 तक पहुंचे थे 300 पार पहुंचे थे और इस बार कोशिश है कि हम 325 को पार कर जाएं। उसकी रणनीति बनाई गयी है और उसकी तैयारी की गयी है। चाहे वह संगठनात्मक दृष्टि से मजबूती का विषय हो या फिर सरकार यानी केंद्र और प्रदेश सरकारों के माध्यम से किया गया काम हो, और चाहे सीधा जो अलग-अलग समाज है, समुदाय है, उन समाजों को सम्मान जनक स्थान देने का मामला रहा हो, चाहे हिस्सेदारी का मामला रहा हो,  बहुत सारे समाज अपने-अपने विषय उठाते रहते हैं कि हमें हिस्सेदारी चाहिए। भाजपा ने सबका साथ, सबका विकास किया, सबको स्थान दिया, सबको सम्मान दिया। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है और इसी के साथ हम जनता के द्वार पर हैं, जनता के साथ हैं और जनता के बीच में हैं।

    सुस्त और पस्त विपक्ष क्या भाजपा को कोई टक्कर दे पायेगा ?

    विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। सपा, बसपा, कांग्रेस ये तीनों एक हो जायेंगे तब भी हम 325 से ज्यादा जीतेंगे 325 से कम नहीं जीतेंगे।

    2022 के चुनाव को लेकर सक्रिय दलों के बीच भ्रष्टाचार अभी कोई मुद्दा नहीं दिख रहा है। आपके पास भी एक बड़ा विभाग पीडब्ल्यूडी है, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाये हैं? और कैसे इसको कंट्रोल किया है?

    चाहे पीडब्ल्यूडी हो या सरकार के अन्य विभाग हों, हम लोगों ने लगातार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का काम किया है। जिस बात को आप कह रहे हैं तो विपक्ष ऐसे मुद्दे इसलिए नहीं उठा रहा है क्योंकि उसको मालूम है कि हमारी सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान ही नहीं है। हमने एक पारदर्शी नीति के अंतर्गत सडकों की गुणवत्ता में सुधार किया, लागत में कमी की, जो लोक निर्माण विभाग इसी बजट में जब सपा, बसपा की सरकार होती थी, जब गड्ढों के सिवा प्रदेश में कुछ नहीं रहता था। आज वही लोक निर्माण विभाग और उसके लगभग उसी बजट में उत्तर प्रदेश पूरा चमक-दमक रहा है।  आप हमारे राजकीय सीमा से लगे कोई पड़ोसी राज्यों, जिसमें हमारी ही पार्टी की सरकारें कई राज्यों में हैं  लेकिन आप देखेंगे कि उत्तर प्रदेश के अंदर घुसने के बाद और उत्तर प्रदेश से बाहर निकलने के बाद अगर आप सर्वे करेंगे तो आपको दिखाई देगा कि उत्तर प्रदेश की बेहतरीन सड़कें हैं, बिजली की बेहतरीन उपलब्धता है, क़ानून व्यवस्था दुरुस्त है, भर्तियों से भ्रष्टाचार समाप्त हैं, गुंडों और माफियायों के खिलाफ कार्यवाई है, हमारी सरकार में न आपको गुंडों की बन्दूक दिखेगी और न रिश्वतखोरों की संदूक दिखेगी।

    अभी स्थानान्तरण नीति का निर्धारित समय 15 जुलाई को खत्म हुआ है लेकिन कुछ विभागों में गड़बड़ियों की खबरें बाहर आई हैं कि सरकार की स्थानांतरण नीति का सही ढ़ंग से अनुपालन नहीं हो पाया है। इस पर आपकी प्रतिक्रया क्या होगी?

    ऐसा नहीं है, लेकिन कुछ आया होगा ऐसा कोई विषय तो, मेरा यह मानना है कि यह सरकार के विभाग का जो अधिकार है उस अधिकार के अनुसार जो स्थानान्तरण करना हो, पोस्टिंग करना हो और जो समय सीमा बीत जाती है तो उसमें एक श्रेणी ऐसी है जिस श्रेणी के बाद माननीय मुख्यमंत्री जी के अनुमति से किया जाता है। ये तो सरकार के पास ही सारी व्यवस्थाएं सुरक्षित हैं। तो किसी चीज में ऐसा रहा होगा जो समय सीमा से बाहर हुआ होगा तो उसमें मुख्यमंत्री जी से अनुमति ली जाती है और मुख्यमंत्री जी की अनुमति से उसको किया जाता है।