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  • यह हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं मानवता और इंसाफ का सवाल, योगी सरकार के 5 साल संविदा के नये नियम को बताया काला कानून.

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लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी में पांच साल की संविदा पर भर्ती, 50 साल में रिटायरमेंट और भर्तियों में धांधली जैसे अनेक मुद्दों पर गुरुवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी युवाओं से रुबरु हुयीं. उन्होंने संविदा पर भर्ती को युवाओं का अपमान बताया. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बातचीत में यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती में हुई अनियमितता बड़ा मुद्दा रही. उत्तर प्रदेश में जड़ें तलाश रही कांग्रेस पार्टी हर उस मुद्दे पर मुखर है जिसमें उसको भविष्य में सियासी लाभ की सम्भावना है. प्रियंका गाँधी ने युवाओं से बात कर संविदा भर्ती को गलत बताया. उनका कहना था कि यह हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं मानवता और इन्साफ का सवाल है.

 गुरूवार को कांग्रेस कमेटी की महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी बेरोजगारी की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश के युवाओं से मुखातिब थीं. प्रियंका ने अभी हाल ही में शुरू किए गए युवाओं के साथ रोजगार के मुद्दे पर संवाद शुरू किया. युवाओं के साथ रोजगार पर संवाद के मुद्दे के तहत प्रियंका गाँधी ने 2016 के 12460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत किया. प्रियंका गाँधी का कहना है कि मेरा मानना है कि युवाओं की बात सुननी पड़ेगी और उनके मुद्दों के लिए हमें सड़क से लेकर सदन तक लड़ना होगा और कांग्रेस पार्टी इससे पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने संविदा के मुद्दे पर भी युवाओं की राय ली और उनको आश्वस्त किया कि हम सरकार में आते ही ऐसी नीति लाएंगे जिसमें संविदा नहीं बल्कि सम्मान होगा. कांग्रेस महासचिव ने अभ्यर्थियों से हर संभव मदद का वादा करते हुए कहा कि यह हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं मानवता और इंसाफ का सवाल है. प्रियंका गाँधी ने युवाओं से संविदा के मुद्दे पर भी चर्चा करते हुए कहा कि उनको अपमान का घूंट पीना पड़ रहा है. योगी सरकार के 5 साल संविदा के नये नियम को काला कानून बताया. उन्होंने कहा कि हम ऐसी नीति लाएंगे जिसमें युवाओं का अपमान करने वाला संविदा कानून नहीं बल्कि सम्मान के कानून हों.

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में 2016 में 12460 शिक्षक भर्ती में शून्य जनपद के अभ्यर्थी अबतक नियुक्ति से वंचित हैं. इस शिक्षक भर्ती विज्ञापन में 51 जिलों में पद थे लेकिन 24 जिलों में पद शून्य थे. सूबे के शून्य जनपद वाले अभ्यर्थी पिछले 3 साल से कोर्ट- कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पुनः खड़ा करने के लिए संघर्षरत प्रिनका गाँधी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इन अभ्यर्थियों का दर्द सुना. बेरोजगारी कि मार झेल रहे अभ्यर्थियों ने अलग अलग तरीके से अपनी व्यथा को शेयर किया. प्रियंका से बातचीत में अभ्यर्थीयों ने अपनी व्यथा को रो रो कर उजागर किया और परिवार को पैसा और दाने का मोहताज बताया.    

प्रियंका से बातचीत में व्यथा सुनाते रो पड़ा अभ्यर्थी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी से वीडियो कांफ्रेंसिंग में एक महिला अभ्यर्थी ने अपना दर्द साझा किया कि उसने 2016 में परीक्षा दिया था और चयन होने के बाद भी आज तक नियुक्ति नहीं हो सकी है. नौकरी न मिलने पर लगभग दो साल तक अवसाद में रही. अब उसको उनके पास दो छोटे छोटे जुड़वा बच्चे हैं, उनकी चिंता रहती है. अपनी बातों को रखते हुए महिला अभ्यर्थी ने कहा कि अब घर की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. बच्चों पर 10 रुपया खर्च करने के लिए उसे 10 बार सोचना पड़ रहा है.

कोरोना काल में प्राइवेट नौकरी भी चली गयी, दाने को मोहताज है परिवार

अपनी बात रखते हुए दूसरे अभ्यर्थी ने कहा कि बड़ी ही मेहनत से पढ़ाई किया और सोचा था कि परिवार वालों की मदद कर पाऊंगा लेकिन तीन साल से धक्के खा रहा हूँ. हारकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम शुरू किया था लेकिन इस  कोरोना काल में वह भी बंद हो चुका है. घर का एक सदस्य प्राइवेट नौकरी करता है लेकिन अब उनकी भी नौकरी छूट चुकी है. घर की स्थिति यह है कि अब शाम-सुबह के खाने की चिंता होने लगी है.

दो अभ्यर्थियों का दर्द कुछ इस प्रकार रहा, शादी टूट गयी, सामाजिक उपहास के पात्र बन गए

दो अन्य अभ्यर्थियों ने अपना दर्द साझा करते हुए प्रियंका गांधी से कहा कि नौकरी न मिलने से उनकी शादी टूट गयी और वे अब सामाजिक उपहास के पात्र बन गए हैं. यह कहते हुए एक अभ्यर्थी ने भावुक होते हुए कहा कि आखिर हमारी गलती क्या है? हम योग्य हैं, परीक्षा में बेहतर नम्बर लाये हैं लेकिन सरकार रोज रोज अपना नियम बदलती है.

राजेश मिश्र