The priests of Ravana temple are also waiting for the foundation stone of the Ram temple

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अयोध्या.  अयोध्या से 650 किलोमीटर दूर नोएडा में रावण के मंदिर के पुजारी को भी राम नगरी में भव्य मंदिर के शिलान्यास की घड़ी का बेसब्री से इंतजार है। गौतम बुद्ध नगर के बिसरख इलाके में रावण का मंदिर स्थित है। उसके पुजारी महंत रामदास का कहना है कि पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन का उन्हें बेसब्री से इंतजार है और यह रस्म संपन्न होने के बाद वह लोगों में मिठाई बाटेंगे।

महंत रामदास ने ‘पीटीआई-भाषा’ से टेलीफोन पर बातचीत में कहा “अगर रावण ना होता, तो कोई भी श्री राम को नहीं जानता और अगर राम नहीं होते तो दुनिया को रावण के बारे में नहीं पता चलता।” उन्होंने कहा कि वह अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर बेहद प्रसन्न हैं। शिलान्यास के बाद वह लोगों में लड्डू बांट कर खुशी मनाएंगे। मंदिर का शिलान्यास एक बहुत शुभ घटनाक्रम है। वहां भव्य राम मंदिर का निर्माण होने पर उन्हें बहुत खुशी होगी। महंत ने बताया कि लोकोक्तियों के मुताबिक बिसरख रावण का जन्म स्थान है, लिहाजा हम इसे रावण जन्म भूमि भी कहते हैं।

उन्होंने रावण को परम ज्ञानी व्यक्ति बताते हुए कहा कि सीता का हरण करने के बाद रावण ने उन्हें अपने महल में ले जाने के बजाय अशोक वाटिका में रखा। इसके अलावा माता सीता की सुरक्षा के लिए महिलाओं को तैनात किया। अगर भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है तो मेरा मानना है कि रावण भी लोगों की मर्यादा का ख्याल रखता था। महंत रामदास ने बताया कि मंदिर में रावण के साथ साथ भगवान शिव, पार्वती और कुबेर की मूर्तियां भी रखी हुई है। मंदिर में आने वाले करीब 20% श्रद्धालु रावण की पूजा करते हैं।