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दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर में एक अनोखी शादी हुई।

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शादी का ज़िक्र होते ही सबके दिमाग में मौज-मस्ती का माहौल, मेहमानों की भीड़, बच्चों का डांस करना आता है। लेकिन, शादी में कुछ ऐसी अजीबोगरीब चीजें भी होती हैं जो हमेशा याद रह जाती हैं। आपने दो भाइयों की एक ही मंडप में शादी होते हुए देखी होगी। इतना ही नहीं दो बहनों की भी एक मंडप में शादी होते हुए देखी होगी। लेकिन, क्या आपने कभी किसी मां-बेटी की शादी (Daughter-Mother Marriage) एक ही मंडप में होते हुए देखी है? आज हम ऐसी ही एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं।

दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) में एक अनोखी शादी हुई। मां ने पहले बेटी का कन्या दान किया और इसके बाद खुद शादी रचाई। यह घटना गोरखपुर (Gorakhpur) में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह (Mass Marraige) में हुई थी। इसमें 63 जोड़ों को एक साथ शादी करनी थी। इसमें पिपरॉली (Piprauli) में रहने वाली बेला देवी (Bela Devi) की बेटी की भी शादी होने वाली थी। बेला देवी (Bela Devi) की बेटी इंदु की शादी राहुल नाम के लड़के से होने वाली थी।

इस विवाह समारोह में बेला देवी (Bela Devi) ने पहले लड़की की शादी करवाई। इसके बाद में बेला देवी (Bela Devi) खुद दुल्हन बनी और उसी मंडप में शादी कर ली। शायद यह पहली बार होगा कि मां और बेटी की शादी एक ही मंडप में हुई। बेला देवी (Bela Devi) के पति का 25 साल पहले निधन हो गया था। उन्हें पांच बच्चे हैं। इनमें 2 लड़के और 3 लड़कियाँ हैं। बेला देवी ने अपने बच्चों का काफी अच्छे तरीके से ध्यान रखा।

बेला देवी (Bela Devi) के चार बच्चों की शादी पहले ही हो चुकी थी। सामूहिक विवाह समारोह में सबसे छोटी बेटी इंदु की भी शादी हो गई और अब वह अकेली पड़ने वाली थी। लेकिन उन्होंने अपना जीवन जीने के लिए एक साथी चुनने का फैसला किया। बेला देवी (Bela Devi) ने अपने 55 वर्षीय देवर जगदीश से शादी की। बेला देवी (Bela Devi) के देवर की शादी नहीं हुई थी और बेला देवी अब अकेली होने वाली थीं। इसलिए उन्होंने सामूहिक विवाह समारोह में शादी करने का फैसला किया।