पाकिस्तान : बाइबल, भगवद् गीता (Bhagavad Gita) और कुरान (Quran) को बहुत ही पवित्र ग्रंथ माना जाता है। पाकिस्तान में जेल के अंदर बंद कैदियों को ये सब पढ़वाने (Read) और याद करवाने के लिए अनोखा प्रस्ताव सामने आया है। जिसके मुताबिक अगर कैदी इसे याद करके सुनाएंगे तो उनको सजा (Punishment) में छूट दी जाएगी।
किन कैदियों को होगी कितनी छूट?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘पंजाब सरकार के गृह विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही (Parvaze Ilahi) को भेजा है। जिसके अनुसार प्रांत की जेलों में बंद ईसाई, हिंदू और सिख कैदियों को पवित्र ग्रंथों – बाइबल (Bible) और भगवद् गीता को याद करने पर सजा की अवधि में तीन से छह महीने तक की छूट की बात कही गई है। तो वहीं मुस्लिम कैदियों द्वारा कुरान को याद करने में छह महीने से दो साल तक की छूट मिल सकती है।
कैदी ने दायर की थी याचिका
दरअसल, इसको लेकर एक ईसाई याचिकाकर्ता ने मार्च में पाकिस्तान जेल नियम 1978 के नियम 215 के मुसलमानों को दी जाने वाली छूट का हवाला देते हुए अन्य धर्मों के कैदियों के लिए भी इसी तरह के छूट को लेकर अनुरोध किया था। गौरतलब है कि अब इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री द्वारा मंजूरी मिलने के बाद कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।