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    यूपी: दुनियाभर में ऐसे कई लोग हैं जो जानवरों से काफी प्यार (Animal Lovers) करते हैं। उनका ख्याल रखते हैं, उनकी सेवा करते हैं। इस तरह के प्रेम की मिसाल पेश की है यूपी (Uttar Pradesh) के कौशांबी जिले के रहने वाले एक परिवार ने। यह मिसाल आज के समय में लोगों के लिए एक किस्सा बन गया, जो तारीफ योग्य है। दरअसल, यहां एक बकरे की मौत के बाद जहां परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई। उन्होंने मृत बकरे के अंतिम संस्कार पूरे हिंदू रीति-रिवाज (Goat Cremated With Hindu Custom in UP) के साथ किया। 

    बेटा समझकर किया पालन-पोषण 

    बकरे के परिवार वालों ने उसकी मृत्यु के बाद उसकी शव यात्रा भी निकाली और ‘राम नाम सत्य’ के जयकारे भी लगाए। इसके अलावा बकरे की मृत आत्मा की शांति के लिए ब्राह्मण भोज भी करवाया। पशु प्रेम की इस कहानी को सुनकर हर कोई बेहद खुश है। लोगों के मन में बकरे के परिवार वालों के लिए सिर्फ तारीफ निकल रही है। सयारा मीठेपुर निहालपुर गांव निवासी रामप्रकाश यादव होमगार्ड के पद पर तैनात हैं। उनकी तैनाती मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में है। उन्होंने एक बकरा पाल रखा था। उन्होंने उसका नाम कल्लू रखा था। उन्होंने बकरे का पालन-पोषण बिलकुल अपना बेटा समझकर किया था।

    Courtesy: Akhilesh kumar Gautam

    हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार 

    रामप्रकाश यादव ने एक दिन अपने परिवार वालों से बातचीत करते ये फैसला लिया था कि अगर किसी कारणवश उनके बकरे की मौत हो जाती है, तो वह उसका अंतिम संस्कार बिलकुल हिन्दू रिवाज से करेंगे। साथ ही उसकी आत्मा की शांति के लिए भोज भी कराएंगे। फिर अचानक उनका बकरा दो दिन से काफी बीमार चल रहा था। उन्होंने उसका इलाज भी करवाया, लेकिन वह बच न सका और शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। जिसके बाद उनके परिवार में शोक की लहार दौड़ गई। 

    बाल भी मुंडवाया 

    अपने कथन मुताबिक बकरे का मालिक ग्रामीणों के साथ मिलकर उसकी अंत्येष्टि की तैयारी में जुट गया। उसकी शव यात्रा भी निकाली और उसे अपने निजी खेत में ले जाकर हिंदू रीति रिवाज से अंतिम-संस्कार किया। इसके अलावा उन्होंने शुद्धिकरण के लिए उसने अपना सिर भी मुंडवा और दाग भी दिया। साथ ही राम प्रकाश यादव ने कहा है कि, वह उसकी तेरहवीं भी करेंगे।