नई दिल्ली: वो कहते हैं न कि, “कौन कहता है आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों।” ऐसी ही कुछ कहानी है गुजरात (Gujarat) के एक शख्स की जो अपनी हाइट की वजह से अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रहा था, लेकिन इसने फिर भी हार नहीं मानने का फैसला किया और आखिर में अपना सपना पूरा कर ही दम लिया। दरअसल, हम बात कर रहे हैं, डॉ गणेश बरैया (Dr. Ganesh Baraiya) की जो गुजरात के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं।
तीन फीट के डॉ गणेश बरैया
लेकिन उनकी लंबाई केवल तीन फीट है। इन डॉक्टर गणेश के छोटे कद और उससे भी बहुत बड़े हौसले जो भी देखता है, वह मानों दांतो तले उंगली दबा लेता है। हालांकि उनके लिए इस मुकाम तक पहुंचना इतना आसान नहीं था। उनके डॉक्टर बनने तक के सफर की कहानी सभी के लिए प्रेरणादायी है। दरअसल डॉ गणेश बरैया की कम हाइट के चलते उन्हें डॉक्टर बनने से रोक दिया गया।
#WATCH | Gujarat: 3-foot tall Ganesh Baraiya defies the odds, becomes a doctor at Bhavnagar Government hospital (06/03) pic.twitter.com/37op1R2X1t
— ANI (@ANI) March 6, 2024
इस कारण से 23 साल के डॉ बरैया को कुछ साल पहले ‘मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया’ (MCI) ने MBBS करने से रोक दिया था, क्योंकि उनकी हाइट कम थी। हालांकि, डॉ बरैया इस फैसले से न घबराते हुए अपने स्कूल प्रिंसिपल की मदद ली और पहले डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के यहां पहुंचे, फिर राज्य के शिक्षा मंत्री और यहां तक कि वह गुजरात हाइकोर्ट तक भी चले गए।
सुप्रीम कोर्ट ने बदली किस्मत
बस फिर क्या था गुजरात हाइकोर्ट में डॉ बरैया ने MCI के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की। लेकिन यहां उन्हें हार मिली, मगर उन्होंने फिर भी अपना साहस और हौसला नहीं खोया। वह फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां 2018 में उन्हें जीत मिली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने MCI के आदेश को पलट दिया। इस तरह डॉ बरैया ने आखिरकार अनेक कठनाइयों के बाद साल 2019 में MBBS में एडमिशन लिया। आज MBBS की अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अब वह गुजरात के भावनगर के सरकारी अस्पताल में बतौर इंटर्न काम कर रहे हैं।
#WATCH | Dr Ganesh Baraiya says, ” The committee of Medical Council of India had rejected me saying that my height is 3 feet and I won’t be able to handle emergency cases…with the direction of Bhavnagar collector, I went to Gujarat HC…after 2 months, we lost the case…we… https://t.co/ALEjkaaZsk pic.twitter.com/zjMfZQE7pz
— ANI (@ANI) March 6, 2024
हालांकि आज भी कभी कभी मरीज डॉ बरैया को देखकर पहले तो थोड़ा चौंक जाते हैं, लेकिन फिर उनकी कार्यकुशलता देखा उनकी बात मान लेते हैं और खुद डॉ बरैया भी मरीज के शुरुआती व्यवहार को स्वीकार करने के चलते डॉक्टर-मरीज का आपसी रिश्ता सौहार्दपूर्ण और सकारात्मकता हो जाता है। सच है कि, ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।’