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नवभारत डिजिटल डेस्क: इंसान हो या जानवर किसी का भी अगर सिर कट जाए तो उसकी मौत कुछ ही सेकंड में हो जाती है। लेकिन अगर सिर कटने के बाद भी कोई जिंदा रह जाए तो इसे चमत्कार माना जाता है। एक ऐसा ही मामला आज से 78 साल पहले सामने आया था। जिसने हर किसी का सिर चकरा दिया था। इस घटना ने लोगों को हैरानी में डाल दिया कि यह कैसे हो सकता है। 10 सितंबर 1945 को कोलोराडो (Colorado) के फ्रुटा फार्म में रोज की तरह लॉयड ओल्सेन (Lloyd Olsen) और उनकी पत्नी क्लारा मुर्गे को काट रही थी। इस दौरान उन्होंने तकरीबन 40 से 50 मुर्गों को सिर काटकर अलग कर दिया लेकिन एक मुर्गा (Miracle Mike) बिना सिर के (without head) भी जिंदा था।

आंखो पर यकीन करना मुश्किल 
लॉयड ओल्सेन और उनकी पत्नी क्लारा को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था। उन्हें ये किसी चमत्कार से कम नहीं लग रहा था क्योंकि जहां 40 से 50 मुर्गे सिर कटने के बाद मर चुके थे लेकिन एक मुर्गा ऐसा था जो जिंदा था। सिर कटा मुर्गा बड़ी आसानी से दौड़ रहा था। लॉयड ओल्सेन ने उस वक्त मुर्गे को एक सेब की टोकरी में रखकर बंद कर दिया और फिर रात का डिनर कर के सो गए। लेकिन जब अगले दिन उनकी नींद खुली तो उन्हें अपनी आंखो पर यकीन नहीं हुआ क्योंकि सिर कटने के दूसरे दिन बाद भी वो जिंदा था।

मुर्गा बना चर्चा का विषय
जैसे ही बिना सिर के मुर्गे की जानकारी स्थानीय लोगों को मिली तो उसे देखने की होड़ मच गई और देखने वाले भी इसे किसी आश्चर्य से कम नहीं मान रहे थे। फ्रुटा में इस मुर्गे की चर्चा लोगों की जुबान पर थी। जिसके बाद स्थानीय अखबार में इसकी तस्वीर छपी तो पूरी दुनिया में इसकी चर्चा होने लगी। वहीं इस सिर कटे मुर्गे का नाम ‘मिरैकल माइक'(Miracle Mike) रखा गया।

वैज्ञानिकों ने की जांच
जंगल की आग की तरह ये खबर फैली तो उसके जिंदा रहने के कारणों के बारे में पता करने के लिए वैज्ञानिक भी उत्सुक हो गए। सिर कटे मुर्गे को जांच के लिए यूटा विश्वविद्यालय (University of Utah) लाया गया। जांच के दौरान ये मुर्गा कैसे जिंदा है इस वजह की तलाश में उन्होंने कई मुर्गों का सिर अलग-अलग तरीके काटा लेकिन कोई जिंदा नहीं बचा और सभी मर गए। रिपोर्ट के मुताबिक मिरैकल माइक को खाना ड्राप के जरिये दिया जाता था। उसकी सांस नली को हमेशा साफ़ रखा जाता था। लेकिन बिना सिर के उसके जिंदा रहने की वजह आज भी क्लियर नहीं हो पाई।

‘हेडलेस चिकन’ फेस्टिवल
सिर कटने के बाद मिरैकल मुर्गा एक दो दिन या एक दो महीने नहीं बल्कि पूरे 18 महीने तक जिंदा रहा। सिर कटे मुर्गे मिरैकल माइक के नाम पर आज अमेरिका के फ्रुटा में फेस्टिवल मनाया जाता है। इस फेस्टिवल को वहां के लोग हर साल ‘हेडलेस चिकन’ के नाम से मनाते हैं। इस दिन कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।