14 साल से एयरपोर्ट पर जिंदगी गुजार रहा है शख्स, परिवार ने ‘इस’ वजह से निकाला था घर के बाहर

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    नई दिल्ली: वैसे तो अब-तक आपने घर छोड़ देने की कई लोगों की कहानी पड़ी होगी, या फिर देखी होगी लेकिन आज जिस शख्स की कहने आपको बताने जा रहे है वह बहुत ही अलग है। अक्सर आपने सुना होगा किशख्स को उनके परिवार ने ही घर से निकाल दिया और वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। लेकिन चीन में रहने वाले एक शख्स की कहानी इससे बिल्कुल जुदा है। इस शख्स का खुद का घर है, फिर भी  वो 14 साल से एयरपोर्ट पर डेरा डाले बैठा है। लेकिन खुद का घर होते हुए भला यह शख्स 14 वर्षों से एयरपोर्ट पर क्यों रह रहा है ? आइए जानते है इस सवाल का जवाब…  

    इस वजह से छोड़ा घर 

    इस बारे में उस शख्स का कहना है कि परिवार को उसकी कुछ आदतें पसंद नहीं थीं, इसलिए उसने उन्हें ही छोड़ दिया। जी हां ये अनोखी कहानी है बीजिंग एयरपोर्ट पर 14 साल से रहने वाले एक ऐसे शख्स की, जिसकी नौकरी 40-45 की उम्र में ही छूट गई थी।  इसके बाद अपनी ज़िंदगी से निराश शख्स को डिप्रेशन की बीमारी हो गई। इससे बचने के लिए उसने शराब और सिगरेट जैसी लत पाल ली और लोगों के लाख मना करने के बाद भी वो इसे छोड़ नहीं पा रहा था। शख्स की इसी आदत से तंग परिवार ने जब उसे रोका तो वो घर ही छोड़ आया। 

    एयरपोर्ट पर गुजार दी जिंदगी 

    चाइना डेली की रिपोर्ट के मुताबिक इस शख्स का नाम वेई जियांगुओ है। इस शख्स को परिवार के लोगों ने कहा कि अगर वो घर में उनके साथ रहना चाहता है तो उसे शराब और सिगरेट छोड़नी होगी। लेकिन इसके बाद उस शख्स ने अपने शौक को न छोड़ते हुए घर ही छोड़ दिया। वेई का कहना है कि वो घर नहीं जाना चाहता क्योंकि उसे वहां कोई आजादी नहीं है।  परिवार ने साफ कहा है कि शराब-सिगरेट छोड़नी है और वो ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें अपना महीने का सरकारी अलाउंस घर पर देना होगा। वेई का कहना है अगर उसने ऐसा किया तो वो सिगरेट और शराब नहीं खरीद पाएगा। इसलिये उसने घर छोड़ना ही ठीक समझा।

     पुलिस ने छोड़ा घर, फिर भी लौट आया शख्स 

    आपको बता दें कि वेई को कई बार पुलिस और सिक्योरिटी के लोग घर तक छोड़कर आए, लेकिन वो हर बार भाग आता है। एयरपोर्ट पर उसे सारी ज़रूरी सुविधाएं मिल जाती हैं और बिना रोक-टोक के अपनी मनमर्जी कर सकता है। बता दें कि 60 की उम्र पार कर चुके वेई के पास एक इलेक्ट्रिक कुकर है, जिसमें वो अपना खाना बना लेता है। कभी-कभी वो खाना खरीद भी लेता है, जो उसे यहां सस्ते में मिल जाता है। वो दो-तीन सूटकेस में अपना सारा सामान रखता है और उसे इससे ज्यादा की ज़रूरत भी नहीं। उसका कहना है कि परिवार से दूर रहकर वो बहुत खुश है। इस तरह इस शख्स ने मात्र पाने शौक को पूरा करने के लिए अपना घर और परिवार छोड़ दिया है।