छात्रों की प्रवेश के लिये मचेगी भागदौड, युजी प्रथम वर्ष की सीटे कम, मेरीट लिस्ट

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    वर्धा. 12 वीं बोर्ड परिक्षा के रिकार्ड ब्रेक परिणाम लगने के कारण उसका असर इस बार प्रवेश प्रक्रिया पर होनेवाला है.क्षमता से अधिक छात्र पास होने के कारण छात्रों की युजी पाठयक्रम प्रवेश के लिये छात्रों की भागदौड मचेगी.

    कोरोना संक्रमन के चलते राज्य सरकारने 12 वी का परिणाम मूल्यमापन पर आधारीत घोषित किया है. परिणामवश पास होनेवाले छात्रों की संख्या अधिक होने के साथ उन्हें अच्छे अंक मिले है.जिले का परिणाम इस बार 99.59 प्रश लगा है. सायन्स संकाय से 6148, कला से 5353 व वाणिज्य संकाय से 2086 व एमसीवीसी के 1065 ऐसे कुल 14652 छात्र पास हुए है. सायन्स संक्राय के छात्र मेडिकल, इंजिनियरिंग, फार्मसी, एग्रीकल्चर के साथ बीएससी में प्रवेश लेते है. तथा वाणिज्य संकाय के छात्र बी काम को प्राथमिकता देते है.

    निट के परीक्षा नहीं होने से छात्र दुविधा में

    निट तथा सीइटी के परीक्षा नही होने छात्र दुविधा में है. नीट परीक्षा पास होने तथा उसमें कितने अंक मिलते है. इस पर मेडिकल का प्रवेश निश्चित होता है. सीईटी परीक्षा पर इंजिनिरिंग,फार्मसी, बीएससी एग्रीकल्चर, नर्सिंग का प्रवेश निर्भर होता है. परंतु यह परीक्षा सितंबर माह में होनेवाली है. ऐसे में कोरोना की तिसरी लहर आयी तो उसका असर परीक्षा पर होगा. जिससे परीक्षा के तिथी बढने पर मेडिकल, फार्मसी के प्रवेश पर परिणाम हो सकता है.

    बीएससी के बढेंगे प्रवेश

    नीट व सीईटी परीक्षा नही होने के कारण अनेक छात्र अपना प्रवेश बीएससी को करने को प्राथमिकता देंगे. परिणामवश बीएससी के प्रवेश के लिये छात्रों में स्पर्धा निर्माण हो सकती है. इस बार 80 प्रश से अधिक अंक मिलनेवाले छात्रों की संख्या 85 प्रश से अधिक है. जिससे मेरीट सुची के आधार पर प्रवेश करने के बावजूद भी अनेक छात्रों को प्रवेश के लिये दरदर भटकना पड सकता है.

    जिले में बीएससी व बी कॉम की प्रवेश क्षमता कम

    जिले से सायन्स व वाणिज्य संकाय से अधिक छात्र पास हुए है. उस तुलना में बीएससी व बी काम प्रथम वर्ष की सिटे कम है. गत वर्ष भी सिटे कम होने के कारण प्रवेश के लिये छात्रों की भागदौड मची थी.

    जिस बार तो गत वर्ष की तुलना में अधिक छात्र पास हुए है. जिले में वर्धा, आर्वी, कारंजा, आष्टी, पुलगाव, हिंगनघाट, सेलु व समुद्रपुर में बीएससी के कालेज है. परंतु प्रवेश क्षमता काफी कम है. वर्धा शहर में बीएससी की प्रवेश क्षमता 1000 के करीब है.

    अन्य सात तहसील स्तर पर प्रवेश क्षमता 2000 से 2200 के करीब है. ऐसी कुल 3000 सिटे है. परंतु 12 विज्ञान के छात्र 6148 पास हुए है.उसी तरह कामर्स की सिटे 1500 के आसपास है. लेकीन 2086 छात्र पास हुए है. कला संकाय से 5353 छात्र पास हुए है. कला संकाय में बिते कुछ वर्षा में प्रवेश कम होने से अनेक कालेजों की प्रवेश क्षमता कम हुई है.परिणामवश कला संकाय के कालेज अधिक होने के बाद भी प्रवेश की लिये छात्रों को दिक्कत निर्माण हो सकती है. 

    अनुदानित कालेजों की संख्या कम

    जिले में बीएससी, बीए, बी. कॉम पारंपारिक पाठयक्रम के अनुदानित कालेजों की संख्या काफी कम है. सन 2001-02 से सरकारने अनुदान देना बंद कर दिया है. जिससे अनेक कालेजों में विनाअनुदानित की प्रवेश क्षमता अधिक है. अनुदानित कक्षा के लिये प्रवेश शुल्क कम होता है तथा ओपन कैटेगिरी के छात्रों को इबीसी सुविधा मिलती है. परंतु विनाअनुदानित के लिये शुल्क अधिक होने के साथ ओपन कैटगिरी के छात्रों को इबीसी सुविधा नही मिलती.परिणामवश उन्हें पुरी फी अदा करनी पडती है. 

    विवि ने प्रवेश के संदर्भ में नही निकाले कोई आदेश

    12 वी का परिणाम घोषित हुआ है. परंतु युजी प्रथम वर्ष के प्रवेश के संदर्भ में नागपुर विवि व्दारा कोई आदेश नही निकाला गया है. जिससे युजी पाठयक्रम के प्रवेश मेरीट आधार होंगे की अन्य पैटर्न अंमल में लाया जायेगा इसे लेकर ससपेन्स बना हुआ है.

    आर्थिक बोझ पडेगा

    नीट व सीईटी की परीक्षा देनेवाले छात्र अपना शैक्षणिक वर्ष बचाने के लिये बीएससी पाठयक्रम को प्रोवीजनल प्रवेश लेंगे. किंतु उन्हें प्रवेश की फी अदा करनी होगी. साथ ही निर्धारीत समय पर प्रवेश रद्द नही हुआ तो कालेजों व्दारा उनसे पुरे वर्ष की फी वसुली जायेगी. जिससे छात्रों पर आर्थिक बोझ पडेगा.

    कालेजों की होगी बल्ले बल्ले

    रिकार्ड ब्रेक छात्र पास होने के कारण इस बार कालेजों की बल्ले बल्ले होने वाली है. अधिक छात्र प्रवेश के लिये आने के कारण छात्रों व्दारा अधिक फी वसुलने का मौका उन्हें मिलेगा. गत वर्ष विवि दो बार कालेज की प्रवेश क्षमता के आधार पर अतिरिक्त प्रवेश करने की अनुमती दी थी. परिणामवश कालेजों को लाटरी लगी थी.