Goat
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    देवली(सं). मुस्लिम धर्म में उर्दू महीना जिल हज में 10 तारीख को ईद उल अजा बड़ी सादगी और भाई चारे के साथ मनाई जाती है. इस महीने में मुस्लिम समाज का सबसे पवित्र हज का भी अरकान रहता है. हर मुस्लिम व्यक्ति के मन में मरने से पहले एक बार हज करने की ख्वाहिश रहती है,  यह महीना त्याग, सब्र और बलिदान का महीने के रूप में जाना जाता है. लेकिन पिछले 2 वर्षों से इस पावन त्योहार पर कोरोना संक्रमण का साया मंडरा रहा है. कोरोना संक्रमण के कारण शासन द्वारा लगाए गए नियमों के कारण ईद उल अजहा की रौनक फीकी नजर आ रही है. 

    इस वर्ष भी बकरों के बाजार को नहीं अनुमति

    शासन द्वारा बकरों के बाजार लगाई गई पाबंदी के कारण पिछले 2 वर्षों से बकरा बाजार बंद होने के कारण ईद उल अजहा के मौके पर कुर्बानियों के लिए भेड़, बकरे खरीदने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बकरा बाजार बंद होने के कारण किसानों को और भेड़ बकरी के व्यापारियों को भी बहुत नुकसान हुआ है. किसान, मजदूर सालों मेहनत करके भेड़, बकरी बड़े करते हैं, ईद उल अजहा (बकरीद ईद) के मौके पर उनके जानवरों को अच्छे दाम मिलते हैं, जिससे उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने का मौका मिलता है. 

    शहर में सादगी और भाईचारे से मनाई जाएगी 

    पिछले 2 वर्षों से भेड़ बकरी पालक तथा भेड़, बकरी के व्यापारियों को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ रहा है. भेड़ बकरी पालन में किसान और मजदूर वर्ग ज्यादा है. भेड़ बकरा बाजार बंदी के कारण किसान और मजदूर वर्ग को बहुत बड़ी संख्या में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. इस साल ईद उल अजहा देवली शहर में सादगी और भाईचारे से मनाई जाने की प्रतिक्रियाएं मुस्लिम समाज के सभी वर्गों से प्राप्त हुई है.