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    वर्धा. प्रशासन ने होली पर्व के मद्देनजर 60 घंटे का कर्फ्यू लागू किया है. किंतु कर्फ्यू के कारण अनेकों के व्यवसाय पर संकट आन पड़ा है. इसके चलते छोटे दूकानदारों के साथ ही खाटीक समाज व किसानों ने नाराजगी जताई है. होली त्योहार रंगों का त्योहार है. पांच दिनों तक यह पर्व मनाया जाता है. बाजार में रंगों के साथ पिचकारी की दूकानें सजती है. साथ ही त्योहार पर गाठी देने के परंपरा सदियों से चली आ रही है, जिससे प्रति वर्ष रंगों के साथ पिचकारी व अन्य सामग्री की दूकान सजती है. यह व्यवसाय करने वाले करीब डेढ़ से दो माह पूर्व खरीददारी करते है. गत वर्ष भी होली पर्व पर कोरोना का साया सहा था, जिससे अनेकों का लाया हुआ माल बेचा नहीं गया था. इस वर्ष भी यही स्थिति निर्माण हो गई है. रविवार व सोमवार को कर्फ्यू लागू किए जाने के कारण दूकानें बंद रहेगी.

    व्यवसाय पर पड़ेगा विपरीत असर 

    नागरिक भी घरों के बाहर नहीं निकल सकेंगे. परिणामवश इन कारोंबारियों पर पुन: संकट आया है. प्रति वर्ष होली के पर्व पर गाठी की दूकानें सजती है. नागरिक गाठियां खरीदते है. परंतु इस बार पाबंदियों के चलते गाठी व्यवसाय भी खटाई में आया है. दूकानदारों के साथ अनेकों ने गाठियों  का माल बुलाया है. होली के दो दिनों रंगों के साथ ही गाठियों की बिक्री होती है. उस पर भी कर्फ्यू का परिणाम होने वाला है.

    खाटीक समाज पर आया संकट

    रंगपंचमी का दिन पाड़वा के रूप में बनाया जाता है. उस दिन जिले में मटन, चिकन, मछली की बड़ी मात्रा में बिक्री होती है. खाटीक गांव गांव घूमकर बकरा खरीदकर लाते है. पाड़वे के दिन उसका मटन बेचा जाता है. जिले के खाटीकों ने लाखों रुपए के बकरे, बकरियां खरीदकर रखी है. परंतु कर्फ्यू के कारण प्रशासन ने दूकाने बंद रखने से खाटीक समाज पर बड़ा संकट आया है.

    मटन बेचने की दें अनुमति

    लाखों रुपए का माल खरीदकर रखा है. पाड़वे पर व्यवसाय अच्छा होता है, लेकिन प्रशासन ने कर्फ्यू लगाने के साथ मटन की दूकानें बंद रखने का आदेश निकाला है. इससे हम व्यवसाय कैसे कर सकेंगे. प्रशासन को पाड़वे के दिन सुबह 6 बजे से 12 बजे तक मटन व चिकन की दूकान शुरू रखने की अनुमति देनी चाहिए.

    -जीतू दुर्गे, खाटीक एसोसिएशन.

    स्टाक किया माल कब बेचे

    होली पर्व के कारण चिकन का स्टाक किया गया है. कर्फ्यू के कारण दूकानदारी बंद है. साल में एक बार यह पर्व आता है, जिसे लोग धूमधाम से मनाते है. एक ओर हम सरकार को विविध माध्यमों से टैक्स देते है, किंतु आज हमारी दूकानदारी बंद पड़ी है. प्रशासन चिकन की दूकानों को 2 बजे तक समय दें. 

    -शब्बीर दोशी, नूरी फ्रेश चिकन सेंटर.

    प्रशासन दें रियायत 

    होली से जुड़ा व्यवसाय विगत  2  दिनों  से  धीरे  धीरे  अपना  रंग  ले  रहा  था.  किंतु  जैसे  ही  प्रशासन ने आदेश  जारी  किया,  लोग  सचेत  हो  गए.  बाजारों  की  रौनक  गायब  हो  गई. हालांकि  छोटे  बच्चे  अब  भी  जिद  कर  रहे  हैं,  जिस  कारण  अभिभावक  उन्हें  लेकर  बाजार  की  ओर  लौट  रहे  हैं.  यदि  शासन  कुछ  शर्तों  के  साथ  होली  की  पाबंदी  हटा  दें   तो  लोगों  के  मन  में  शासन  के  प्रति  सम्मान  जगेगा. होली  के  दिन  होली  का  दहन  किया  जाता  है.  लोग   पूजा  अर्चना  करते  हैं,  किंतु  इस  बार  उस  पर  भी  रहस्य  बना  हुआ  है. शासन  से  विनंती  है  कि  वे  रविवार  को  रखी  हुई  पाबंदी  कुछ  शर्तों  के  साथ  शिथिल  करें.

    -राजकुमार जाजू, व्यापारी.

    इस वर्ष व्यवसाय हुआ चौपट

    पिचकारियां एवं मुखौटों की मांग बहुत कम है़  पिछले साल की तुलना में इस वर्ष व्यवसाय चौपट हो गया है़  इसलिए सीमित स्टाक बुलाया था़  होली एवं रंगपंचमी के दिन अच्छा व्यवसाय होता है़, लेकिन लाकडाउन की वजह से अब नुकसान होगा़  

    -राकेश भुरे, चिल्लर विक्रेता.