फ्री का सिलींडर बंद, फिर जलने लगे चुल्हे

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-गजानन गावंडे‍

वर्धा. कोरोना संक्रमन के चलते सरकारने उज्वला योजना के तहत सितम्बर माह तक फ्री में सिलींडर देने की घोषणा की थी. किंतु अब फ्री का सिलींडर बंद होने के कारण फिर गरीबों के घर चुल्हे जलने लगे है. यह भीषण नजारा ग्रामीण क्षेत्र व झुग्गीयों में इनदिनों देखने को मिल रहा है. ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के अनेक गरीब परिवारों के यहां रसोई गैस कनेक्शन नही होने के कारण वह चुल्हे पर ही भोजन बनाते थे. जिससे महिलाओं को काफी तकलिफ सहनी पडती थी. अधिकांश महिलाओं को धुयें के कारण आंखों की समस्या निर्माण हुई थी.

यह बात ध्यान में आने के उपरांत केंद्र सरकार ने गरीबी रेखा के निचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिये प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना आरंभ की. योजना के तहत घरेलू रसोई गैस का कनेक्शन सरकार की और से दिया गया. योजना के कारण कमजोर वर्ग के परिवारों खासकर महिलाओं को बहुत राहत मिली.

योजना का आरंभ 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से हुआ था. ग्रामीण इलाके में खाना पकाने के लिए परंपरागत रूप से लकड़ी और गोबर के उपले का इस्तेमाल किया जाता है. इससे निकलने वाले धुएं का खराब असर महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है. प्रधानमंत्री उज्वला योजना से महिलाओं को इससे राहत मिली. साथ ही ग्रामीण इलाके को स्वच्छ रखने को मदद मिली.

सन 2011 की जनगणना के अनुसार जो बीपीएल कैटेगरी में आते हैं, उन्हें योजना का लाभ दिया गया. 100 रूपये में लाभार्थी को गैस कनेक्शन दिया गया. बाकी की राशि कर्ज के रूप में दी गई. यह कर्ज सबसिडी के माध्यम से जमा किया गया. जिससे योजना को जिले में भारी प्रतिसाद मिला.

49 हजार कनेक्शन बांटे गये
उज्वला योजना के अंतर्गत जिले में 27 एजन्सी ने करीब 48 हजार 874 कनेक्शन बांटे गये थे. भारत पेट्रोलियम ने 14 हजार 402, हिंदुस्थान पेट्रोलियम ने 15 हजार 46 तथा इंडेन ऑईल ने 19 हजार 426 कनेक्शन दिये थे. जिससे इन घरों से निकलनेवाला धुआं बंद होकर महिलायों को बडी राहत मिली थी. कोरोना संक्रमन के कारण अनेकों का रोजगार चला गया था तथा लॉकडाऊन के कारण काम भी बंद हो गये थे.

जिससे केंद्र सरकार ने उज्वला के अंतर्गत कनेक्शन लेनेवाले नागरिकों को मुफ्त में रसोई गैस देने का निर्णय सितम्बर तक लिया था. लाभार्थी को गैस एजन्सी से सिलींडर की पूरी किमत देनी पडती थी. जिसके उपरांत सरकार द्वारा उनके खाते सिलींडर की राशि सबसिडी के रूप में जमा की जाती. किंतु अब मुफ्त का सिलींडर बंद होने के कारण महिलाओं को फिर चुल्हे का सहारा लेने पर विवश होना पडा है.

केवल एक माह की सबसिडी मिली
सरकार ने सिलींडर मुफ्त में देने की घोषणा की थी. किंतु केवल एक माह की ही सबसिडी खाते में जमा हुई है. रोज मजदुरी के कर हम हमारा पेट भरते है. अब सरकार ने मुफ्त का सिलींडर बंद करने  के कारण हमारे पास चुल्हा जलाने के सिवाय दुसरा विकल्प नही है. वत्सला नेहारे कवठा रेलवे, तह.देवली