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वर्धा. केंद्र सरकार ने किसान बिल पास किया है.यह बिल क्रांतिकारी है. जिसमें किसान हितों की रक्षा की गई है.बिल के कारण सही मायने में किसानों को स्वतंत्रता मिली है, उक्ताशय के विचार भाजपा के महासचिव सुधीर दिवे ने पत्रपरिषद में व्यक्त किये.

भाजपा व्दारा किसान बिल के संदर्भ जानकारी देने के लिये मंगलवार को पत्रपरिषद का आयोजन किया गया था.पत्रपरिषद को भाजपा के राज्य सचिव राजेश बकाने, जिलाध्यक्ष डा.शिरीष गोडे,अविनाश देव,जिप के कृषि सभापति माधव चंदनखेडे, प्रशांत इंगले तिगावकर,मिलींद भेंडे, किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष गंगाधर कोल्हे, भाजपा के शहर अध्यक्ष पवन परियाल, मोहन मोहिते आदि उपस्थित थे.

सुधीर दिवे बताया की,बिल के कारण बाजार समिती का एकाधिकार खत्म हो जायेगा.किंतु बाजार समिती बंद नही होगी.अब बाजार समितीयों को भी स्पर्धा करनी होगी.एक देश के एक बाजार के तहत किसान अपनी उपज कही पर भी बेच सकता है.पुरानी व्यवस्था में जो व्यवस्था थी.वह कायम रखी गई है. उसमें कोई छेडछाड नही की गई. सरकार ने बिल पास होते ही रब्बी की एमएसपी भी घोषित की है. सरकार किसानों के हित की सरकार है. किसान अपनी उपज बेचने के लिये अग्रीमेंट कर सकेंगे.

जिसका उल्लंघन होने पर किसानों को  प्रशासन की और शिकायत करने का अधिकार दिया गया है.बिल को केवल व्यापारी,दलाल व बाजार समिती के नेता अपने स्वार्थसिद्धी के लिये विरोध कर रहे है.पंजाब व हरियाणा में सेज के कारण किसानों को लुटा जाता था.नई व्यवस्था से सेज बंद होने के कारण वहां विरोध किया जा रहा है.कॉंग्रेस केवल विरोध के लिये विरोध कर रही है.कॉंग्रेस के घोषणापत्र में भी बिल का उल्लेख किया गया था.केवल यह बिल भाजपाने लाने के कारण कॉंग्रेस विरोध पर उतरी है.अबतक बाजार समिती का विकास क्यों नही हुआ.किसानों को अच्छी मंडी गत 60 वर्षो में नही मिली है.कॉंग्रेस ने किसानों के साथ छलाव किया है, ऐसा आरोप उन्होंने लगाया.

एमएसपी आज भी कम है

सुधिर दिवे ने प्रश्न के जबाब में कहां की, जो एमएसपी आज उपज को दी जा रही है.उससे मैं किसान के रूप में संतोष नही हू.यह एमएसपी खर्च की लागत से कम है.अपितुं बाजार का अवलोकन, फसल खर्च व अन्य प्रदेशों का अध्यन करने के उपरांत तय की जाती है.विदर्भ के किसानों को अपनी उपज का दायरा बढाना होगा.