मानसून की आगाज: नही हुआ बारिश पूर्व नियोजन, आपसी समन्वय का अभाव

  • गत दो वर्षों से हो रहा विलंब
  • निचले हिस्सों में होगा जलभराव

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वर्धा. प्रतिवर्ष बारिश आने के पूर्व नालो की सफाई कर अन्य काम किये जाते है. लेकिन इस वर्ष जून माह शुरू होकर भी नगर परिषद प्रशासन ने सफाई का काम शुरू नही किया है. परिणाम स्वरुप शहर में आनेवाले दिनों में जलभराव की समस्या निर्माण हो सकती है. परंतु अभी भी पदाधिकारी व नप प्रशासन में आपसी समन्वय का अभाव दिखाई दे रहा है. जिससे यह समस्या गंभीर होकर निचले हिस्सों में रहनेवालों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है.

उल्लेखनीय रहे कि, इस वर्ष जून माह की शुरुआत में ही मानसून पूर्व बारिश ने दस्तक दी है. शहर सहित समूचे जिले में गत दो दिनों से बारिश जारी है. रुक-रुक कर बारिश हो रही है. ऐसी स्थिति में शहर में नालों की सफाई नही होने से जलभराव की समस्या निर्माण होने की संभावना है. बता दे कि, शहर में 8 किमी के नाले है. इन नालों से पूरे शहर के पानी का रिसाव होता है. यह नाले अनेक झुग्गियों के पास से गुजरते है. उसी तरह अमृत योजना के लिए सड़क तोड़ी गईं है. उसका भी मलबा नाली में फंसा है. इस स्थिति को देखते हुए नगर परिषद व पदाधिकारियों ने आपसी समन्वय रखकर नियोजन करने की जरुरत थी. निचले हिस्सों में जलभराव की समस्या रहने से नालों की सफाई करना आवश्यक था. लेकिन जून माह के साथ बारिश भी शुरु हो गई. लेकिन नप प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया गया. जिस कारण नाले गाद व गंदगी से बजबजा गए है. बारिश के कारण नालों से पानी का रिसाव नही होगा. परिणाम स्वरुप सड़को पर पानी जमा होने का खतरा है.

अतिवृष्टि की चेतावनी
महाराष्ट्र के तटवर्तीय इलाकों में चक्रावत तूफान की संभावना है. जिसका असर समूचे राज्य में होने का अनुमान है. जिले में भी मानसून पूर्व बारिश का आगमन हुआ है. गत दो दिनों से बारिश जारी है. वही 4 जून को भी अतिवृष्टि होने की संभावना जताई गई है. अगर अब अतिवृष्टि होती है तो नागरिकों को जलभराव की समस्या का सामना करना पडेगा. साथ ही किसी तरह की अनहोनी होती है तो, उसके लिए जिम्मेदार कौण? ऐसा सवाल भी उपस्थित हो रहा है.

अमृत के गड्डों ने बढाई परेशानी
शहर में गत डेढ से दो वर्षो जारी अमृत योजना के काम ने सभी का सिरदर्द बढा दिया है. शहर के अनेक मार्गो पर अमृत के लिये खुदाई की गई है. अब बारिश के दिनों में तो यह गड्डे परेशानी का सबब बन सकते है. इन गड्डों में पानी जमा होकर दुर्घटना की संभावना है. वही इन गड्डों का मलबा नालों में जमा होने से जलभराव भी हो सकता है. जिससे शहर वासियों की समस्या बढ गई है.

तीन दिन से जारी है काम- साखरकर
नप के प्रशासकीय अधिकारी किशोर साखरकर ने बताया कि, तीन दिनों से शहर में नाले सफाई का काम जारी है. शीघ्र इस काम को पूर्ण किया जाएगा. जिससे किसी तरह की समस्या नही होगी.