FARMER RICE

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    • बीज, खाद की खरिदारी पर जोर

    वर्धा. जिले में मानसून की बारिश ने दस्तक दी़ मानूसन के आगमन से किसानों के चेहरो पर खुशी छायी है़ बारिश के आगमन के साथ ही किसान नई उम्मीद के साथ खरीफ की बुआई के कार्य में जुट गया है़ दूसरी ओर कृषि केंद्रों पर बीज व खाद की खरिदारी के लिए किसान भिड करते नजर आ रहे है़ 

    पिछले साल प्राकृतिक आपदा व विविध बिमारियों के प्रकोप से खरीफ व रब्बी की फसल का भारी नुकसान हुआ़ इससे जिले का किसान आर्थिक संकट में आ गया़ सोयाबीन की फसल 90 फीसदी तक खराब हुई़ इससे रबी का नियोजन गबडबडा गया़ कपास पर बोंड इल्ली का प्रकोप होने से उत्पादन में काफी कमी आयी़ इससे किसान पुर्णत: हताश हो गया था़ इन संकटो के बावजुद भी इस बार नई उम्मीद के साथ किसान खरीफ की तैयारी में जुट गया है़ समय पर फसल कर्ज न मिलने के कारण किसान निजी साहुकार के दरवाजे पर जा रहा है़.

    कृषि केंद्र से किसानों को नकद खाद व बीज की खरिदारी करनी पड रही है़ बावजुद इसके पैसो का जुगाड लगाते नजर आ रहे़ जिले में इस बार 4 लाख 30 हजार हेक्टयर में खरीफ की बुआई का नियोजन आंका गया है़ इसमें सोयाबीन का बुआई क्षेत्र 1 लाख 23 हजार 500 हेक्टयर, कपास का बुआई क्षेत्र 2 लाख 27 हजार 250 हेक्टयर व अन्य फसल का बुआई क्षेत्र 79 हजार 250 हेक्टयर नियोजित किया गया है़ बारिश के आगमन से कुछ हिस्सो में किसानों ने बुआई शुरु कर दी है़ 

    जोरदार बरसे मेघे

    बुधवार की तडके जिले में वर्षा ने जोरदार दस्तक दी़ दिनभर बदरिले मौसम के बाद शाम के समय फीर एक बार बिजली के कडकडाहट के साथ अच्छी बारिश हुई़ जिले के कई हिस्सो में तूफानी बारिश होने से कुछ मकानो को क्षती पहुंचने की जानकारी है़ देर रात तक बारिश शुरु रही़ 

    सोयाबीन के बुआई क्षेत्र में कमी

    पिछले साल जिले में करिब 1 लाख 38 हजार हेक्टयर सोयाबीन की बुआई की गई थी़ परंतु बोगस बीज व बिमारी के कारण फसल का भारी  नुकसान दर्ज किया गया़ इस बार 1.23 लाख हेक्टयर बुआई का नियोजन किया गया है़ जो पिछले साल की तूलना में 14 हजार हेक्टयर से कम बताया गया़